गरियाबंद। उदंती अभ्यारण्य में तेंदुए की मौत का मामला सामने आया है. हालांकि जांच पर निकली टीम को डॉग स्कवॉट ने पेशेवर शिकारी के ठिकाने तक पहुंचा दिया. वनों को काट कर अवैध कब्जा करने वाला शिकारी तो नहीं मिला पर उसके घर से भालू, हिरन, मोर के अवशेष के अलावा शिकार का सामान बरामद किया गया है.
बता दें कि, सीतानदी उदंती अभ्यारण्य में ओड़िसा के नुवापडा सीमा से लगे दक्षिण उदंती के कक्ष क्रमांक 24 में एक वयस्क तेंदुए का शव देखा गया था. भ्रमण पर निकले कर्मचारियों की नजर सोमवार को शव पर पड़ी थी. मामले की सूचना आला अफसरों को दिया गया. जिसके बाद आज अभयारण्य के उपनिदेशक वरुण जैन मामले की पड़ताल के लिए डॉग स्कवॉट के साथ मौके पर पहुंचे.
वरुण जैन ने कहा कि, नर वयस्क तेंदुआ है. 4 या 5 दिन पुराना शव होने के कारण बॉडी डीकम्पोज हो गई थी. तेंदुए के सभी पंजे गायब मिले हैं. पुराना शव होने के कारण पीएम से भी असली कारण का पता नहीं लगाया जा सका. घटना स्थल से डेढ़ से 2 किमी दूरी पर एक झोपड़े में संदेही के परिजनों से पूछताछ किया जा रहा है.
शिकारी दो दिनों से फरार है. ओड़िसा वन अमले की मदद भी ली जा रही है. मौत शिकार से हुई है या नेचुरल डेथ है, इसका पता शिकारी के पकड़े जाने के बाद ही लगेगा. वहीं विभाग के-डॉग स्क्वॉड की टीम सर्चिंग के होश तो तब उड़ गए जब घटना स्थल से लगभग 2 किमी दूरी पर इंदागांव परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 1229 पर बने एक झोपड़ी में पहुंची.
वन अमला ने जब झोपड़े की तलाशी ली तो वन्य प्राणियों के लिए तैयार किए जाने वाले तार के कई फंदे मिले. तलाशी आगे बढ़ेत गई तो उस झोपड़े से भालू, हिरन और मोर के अवशेष भी मिले. अफसरों के मुताबिक इन्दागांव के मेटपारा में रहने वाला सूखल यादव 4 साल पहले अतिक्रमण कर रह रहा है. इलाका ओड़िसा के नुवापडा के तलाकोट जंगल से लगा हुआ है. आरोपी ओड़िसा के किसी बड़े शिकारी गैंग के साथ मिलकर शिकार को अंजाम देने की आशंका जाहिर की जा रही है. फिलहाल आरोपी को फरार बताया जा रहा है.