IPS संतोष सिंह को मिली डॉक्टरेट की उपाधि

Update: 2024-07-29 12:16 GMT

रायपुर raipur news । छत्तीसगढ़ कॉडर के वरिष्ठ आईपीएस अफसर व एसएसपी रायपुर संतोष कुमार सिंह ने एक बड़ी शैक्षणिक उपलब्धि हासिल की है। उन्हें दुर्ग जिले के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने उनके संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों से जुड़े विषय पर किए गए शोध कार्य पूर्ण करने पर आज डॉक्टर की उपाधि प्रदान की है। उन्होंने अपना शोध कार्य निर्देशक डॉ. सुनीता मिश्रा, विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान शासकीय नवीन महाविद्यालय भिलाई एवं सहायक-निर्देशक डॉ. प्रमोद यादव विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान, सेठ आरसीएस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय दुर्ग के निर्देशन में पूरा किया है। उनके शोध का विषय था “United Nations Peacebuilding Commission: Assessing its Role and Functions" (संयुक्त राष्ट्र के शांति-निर्माण प्रयासों की भूमिका व कार्यों की समालोचना)। उन्होंने पाया है कि शीत युद्ध के बाद दुनिया में हिंसाग्रस्त राष्ट्रों में शांति को चिरस्थाई बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के शांति-रक्षा (पीस कीपिंग) और शांति-स्थापना (पीस मेकिंग) प्रयासों से आगे बढ़कर शांति-निर्माण या सुदृढ़ीकरण (पीस बिल्डिंग) कार्यों पर जोर देने की आवश्यकता है। इस सदी में संयुक्त राष्ट्र के यूएन पीसबिल्डिंग कमीशन के पर्यवेक्षण में किए जा रहे पीस-बिल्डिंग मिशनों ने दुनिया में शांति प्रयासों को बहुत मजबूत किया है।

chhattisgarh news विश्वविद्यालय के टैगोर हॉल में शोध प्रस्तुतिकरण के दौरान कुलपति डॉ अरुणा पल्टा, कुलसचिव भूपेंद्र कुलदीप, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से आए बाह्य परीक्षक डॉ गोपाल कृष्ण शर्मा, डॉ अंजनी शुक्ला, डॉ सुनीता मिश्रा, डॉ प्रमोद यादव, डॉ राजमणि पटेल, डॉ सपना शर्मा सहित प्राध्यापकगण व शोधार्थी उपस्थित रहे।

सिंह की यह थीसिस संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों विशेषकर शांति-निर्माण (पीस-बिल्डिंग) जो शांति प्रयासों में नया क्षेत्र है, उसकी समझ बढ़ाने में मदद करेगा। उल्लेखनीय है कि भारत अंतर्राष्‍ट्रीय शांति व सुरक्षा बनाए रखने में संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की सहायता करने में दृढ़ता के साथ प्रतिबद्ध है और विभिन्न देशों में कार्यरत शांतिसेनाओं में दुनिया में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से तीसरे नंबर पर है। 1950 से अब तक हमने 49 शांति मिशनों में भाग लिया है तथा लगभग 2 लाख शांतिसैनिकों का योगदान किया है। वरिष्ठ भारतीय पुलिस और सैन्य अधिकारी शांति मिशनों में भाग लेते हैं। श्री सिंह का यह शोध-प्रबंध विदेशनीति के नीति-निर्धाताओं, प्रैक्टीसनर्स व छात्रों के लिए विशेष उपयोगी सिद्ध होगा। देश के अंदर के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में भी स्थाई शांति स्थापित करने के लिए आवश्यक तत्वों की समझ बढ़ाने में मदद करेगा।

उल्लेखनीय है कि सिंह ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) वाराणसी से राजनीतिशास्त्र में एमए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) नई दिल्ली से अंतर्राष्ट्रीय संबंध विषय में एमफिल किया। एम.फिल दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विकासशील देशों की भागीदारी पर उन्होंने शोध-प्रबन्ध लिखा था। विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय शोध जर्नल में उनके अनेकों शोध-पत्र प्रकाशित हुए हैं।

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