पूर्व सीएम रमन ने शिक्षक अभ्यर्थी का वीडियो शेयर कर लगाए गंभीर आरोप, कांग्रेस ने किया पलटवार
छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास अभ्यर्थियों का यही दर्द है।
कोविड काल के कारण छत्तीसगढ़ के कई विभागों में नई नियुक्ति प्रक्रिया रुकी हुई है..इसमें 2019 में शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास होने वाले 14 हजार 580 शिक्षक अभ्यर्थी भी शामिल हैं। इनमें से कई तो ज्वाइनिंग का इंतजार करते-करते अब मनरेगा में मजदूरी कर रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षक अभ्यर्थी का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, तो कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए रमन सिंह से पूछा कि...उन्होंने अपने कार्यकाल में कब और कितने पदों पर नियमित भर्ती की...?
छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास अभ्यर्थियों का यही दर्द है। ऐसे कई युवा हैं..जो भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होने से मजबूरन खेतों में मजदूरी करने को मजबूर हैं। अब वो राज्य सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द उनकी ज्वाइनिंग हो, दरअसल भर्ती प्रक्रिया बार-बार टलने से पात्र शिक्षक अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार बदल गई लेकिन हालात नहीं बदले।
पिछले ढाई साल से पात्र शिक्षक अभ्यर्थी राज्य सरकार से अपनी मांग पूरी कराने सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे हैं। अब वो एक बार फिर इसकी तैयारी कर रहे हैं। आगामी 8 जून को अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे शिक्षक अभ्यर्थी, शिक्षक पद के पात्र अभ्यर्थियों के मनरेगा में मजदूरी करने के मुद्दे पर प्रदेश का सियासी पारा ऊपर है। बीजेपी और कांग्रेस में वार-पलटवार भी शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य सरकार पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया है। रमन सिंह ने एक अभ्यर्थी का वीडियो को शेयर करते हुए ट्वीट किया...
झूठ, झूठ और झूठ की बुनियाद पर ही टिकी है भूपेश सरकार..14580 शिक्षकों की भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री मीडिया में झूठ बोल रहे हैं कि भर्ती हो गई.. सच्चाई ये है कि चयनित अभ्यर्थी मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं, तनाव में जी रहे हैं।
रमन सिंह के ट्वीट पर सत्ता पक्ष की तरफ से शिक्षा मंत्री ने खुद मोर्चा संभाला है। मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सवाल पूछा कि..रमन सिंह बताएं कि अपने कार्यकाल में कब और कितनी नियमित भर्ती हुई। शिक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि उनकी सरकार 15 हजार शिक्षकों की भर्ती कर रही है। लेकिन कोरोना की वजह से प्रक्रिया में देरी हो रही है। बहरहाल भर्ती प्रक्रिया को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में वार-पलटवार जारी है।
जाहिर है छत्तीसगढ़ में नई सरकारी भर्ती और कर्मचारियों का नियमितीकरण हमेशा से बड़ा सियासी मुद्दा रहा है। विपक्ष में रहते कांग्रेस ने भी इन मुद्दों पर तत्कालीन रमन सरकार को खूब घेरा, कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में इसे लेकर कई वादे भी किए थे। सत्ता में आने के बाद भूपेश सरकार ने इन वादों को पूरा करने के लिए कोशिश शुरू तो की..लेकिन ढाई साल बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। जिस पर बीजेपी अब हमलावर है..और सोशल मीडिया पर लगातार सरकार को घेर रही है। हालांकि सरकार ने अपनी ओर से कहा है कि स्कूल खुलने के बाद ज्वाइनिंग मिलेगी, हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक है। इस स्थिति में स्कूल तुरंत खोले जाएंगे, इसकी संभावना अभी कम ही है। ऐसे में तय है कि पात्र शिक्षक अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। तब तक सत्ता पक्ष और विपक्ष भी शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर आमने-सामने रहेंगे, ये तय है।