फर्जी जाति प्रमाण मामला, 4 दिनों से भूखे प्यासे अनशन पर बैठे युवा

Update: 2023-06-22 07:00 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस समय फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला एक बार फिर गरमाया हुआ है। नई राजधानी स्थित धरना स्थल पर पिछले 4 दिनों से भूखे रहकर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन कर रहे युवाओ ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों में बैचैनी बढ़ा दी है। दरसल यह पूरा मामला तब का है जब छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ था तब से अब तक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे सरकारी नौकरी एवं राजनीतिक लाभ लेने की शिकायत की गई थी।

जिस पर सरकार ने शिकायतों के निराकरण के लिए उच्च स्तरीय छानबीन समिति गठित की। छानबीन समिति ने उच्चस्तरीय जाति छानबीन समिति ने 700 शिकायतों की जांच की जिसमें से 267 ऐसे मामले थे जिसमें शिकायतें सही पाई गई जो फर्जी जाति के सहारे नौकरी एवं राजनैतिक लाभ ले रहे हैं। जिसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 25.11.2020 को ऐसे लोग जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लाभ उठा रहे है उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने के आदेश दिए गए।

सरपंच पार्षद से लेकर विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री के भी नाम शामिल

उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छावनी समिति द्वारा जारी आदेश में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी एवं बेटे अमित जोगी का नाम भी शामिल है वही तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष पार्षद सरपंच से लेकर विधायकों के नाम भी सूची में शामिल किए गए हैं। इस पूरे मामले को लेकर विनय कौशल के नेतृत्व में मनीष गायकवाड़, हरेश बंजारे, आशीष टंडन, लव कुमार सतनामी, रोशन जांगड़े पिछले 4 दिनों यानी 19 तारीख से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पीआर बैठे है वही इस आंदोलन में दलित आदिवासी युवाओं ने समर्थन करते हुए आंदोलनरत है।

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