क्रिकेट सट्टा: राजधानी में बुकियों का जमावड़ा

Update: 2021-03-04 05:36 GMT

रोड सेफ्टी वल्र्ड सीरीज के मैचों पर करोड़ों के दांव, कई मैच फिक्स होने की चर्चा

< रायपुर में बड़े स्तर में होने वाले क्रिकेट मैच के लिए देश भर के सटोरिए रायपुर आ चुके है

< देश भर के खाईवालों की होने वाली दीवाली

< अंतरराष्ट्रीय सट्टा किंग अनिल आलू रायपुर में

< याद रहे कि अनिल आलू को पुलिस ने सालो पहले पकड़ा था

< सट्टा किंग अनिल आलू कटोरा तालाब का रहने वाला है और ये सट्टा किंग बरसों से फरार है

< राजनांदगांव से लेकर रायपुर तक की सभी बड़ी होटलें बुक

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में 5 मार्च से होने वाले रोड सेफ्टी वल्र्ड सीरीज टी-20 मैचों की शुरुआत होने वाली है। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय लेवल के खिलाड़ी मैच खेलने वाले है। जिसके लिए प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों के लिए भारी पुलिस लगा दिए है। मगर वही दूसरी तरफ क्रिकेट मैचों में सट्टा लगाने वालो की एक बार फिर मार्च के महीने में दीवाली आ गई। सट्टेबाजी का खेल आम हो चुका है। मैच शुरू होते ही सट्टेबाजी के मामले लगातार सामने आने लगते हैं। ऐसे में आइपीएल के मुकाबलों पर सट्टा लगना कोई नई बात नहीं है। जिले में सट्टेबाज भी सक्रिय हो गए हैं। जैसा सट्टा का कारोबार वो कर रहे थे वैसा ही चल रहा है। सट्टेबाज लोगों के सट्टे खिलाने के तरीके में भी तकनीकी आ गई है और सट्टेबाज अब होटल में रूम लेकर और अपनी चार पहिया वाहन में बैठकर सट्टा खिलाते है। जिससे लोगों को ये पता भी नहीं चलता कि उनके आस-पास आपराधिक गतिविधि चल रही है। सट्टेबाज और उनका लेपटॉप हर होटलों में अब दिखने लगा है। शहर भर के बड़े होटलों में देश भर के बड़े खाईवालों ने अपना अड्डा बना लिया है। सटोरिए हर खिलाड़ी के साथ दो कॉल गर्ल, और सटोरिए चुप-चाप आ रहे है। इस टी-20 सीरीज के 5 मैच तो फिक्स ही है।

ऐसे खिलाते सट्टे का दांव

सट्टेबाज सबसे मजबूत व कमजोर टीम के हिसाब से रेट तय करते हैं। क्रिकेट के सट्टे का बाजार कोड वर्ड पर चलता है। खास बात यह है कि सट्टा लगाने वाले शख्स को आनलाइन कहा जाता है, जो एजेंट यानी फंटर के जरिए बुकी तक बात करता है। एजेंट को एडवांस देकर एकाउंट खुलवाना पड़ता है जिसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है। सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन व छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते-उतरते रहते हैं। इसी दौरान मैच में सट्टा लगाने वाले अपनी मनपसंद टीम पर भाव के हिसाब पर रुपया लगाते हैं। अगर टीम जीत जाती है तो भाव के हिसाब से रुपया मिलता है और अगर टीम हार जाती है तो एजेंट को रुपया देना होता है।

पुलिस के दावे में खोट

रायपुर पुलिस पिछले एक महीने से दावा कर रही है कि छापों के डर से यहां के बड़े आईपीएल सटोरिए देश के दूसरे शहरों में सुरक्षित ठिकानों पर जम गए हैं और वहीं से रायपुर में सट्टा चला रहे हैं। मगर ये तो आधा सच हुआ। पूरा सच तो ये है कि इस बार होने वाले मैच में करोड़ों का सट्टा खिलाने वाले शहर के बड़े बुकियों के एजेंटों ने राजधानी रायपुर के आउटर इलाके में अपना ठीहा जमा लिया है। दरअसल पुलिस की नजर से बचने के लिए बुकी दिल्ली, मुंबई, गोवा, कोलकाता में अड्डा जमाकर बैठे हुए थे मगर अब सारे बुकी रायपुर आ चुके है और यही से अपने एजेंटों के जरिए 20 से अधिक को लाइन देकर करोडो का सट्टा खिला रहे हैं। ये एजेंट रायपुर शहर और बड़े-बढ़े होटलों में आउटर इलाके में रह रहे है।

सट्टे का कारोबार फैला

शहर में सट्टे का काला कारोबार आय दिन बढ़ते जा रहा है। और लोग सट्टे में लाखों रुपयों को पानी की तरह बहा रहे है। रायपुर में कोरोना संकटकाल में व्यापारी वर्ग से लेकर आम लोग बेहद परेशान हैं। मगर, इन सब के बीच गांजा, शराब, सट्टा और जुआ का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। असामाजिक तत्वों ने अपने धंधों को चलाने के लिए जगह-जगह पर अड्डे बना लिए हैं। बस्तियों के सुलभ शौचालयो के बाहर दिन और रात सट्टा, जुआ, गांजा, अवैध शराब और नशीली दवाई बेची जा रही हैं। उनका संचालन बेखौफ किया जा रहा है।

शहर की पूरी होटल बुकियों ने किया बुक

देश के सट्टा किंग अब राजधानी में सट्टा-जुआ, नशीले पदार्थ, गांजा, कोकीन के धंधे से जुड़े लोगों को संरक्षण देकर कमीशन के नाम पर बड़े-बड़े रकम बांटकर लोगों का लालच बढ़ाया और गुर्गो को स्कूल खोलकर पूरे प्रदेश में सैकड़ों चेले बनाकर सट्टा-जुआ, नशा को कारोबार को नेशनल इंटरनेशनल स्तर पर पहुंचाया और इतना माल कमाया कि दिल्ली मुबंई, मद्रास, पुणे के साथ देश में जहां-जहां सट्टा टॉप पर चलता है वहां-वहां ब्रांच खोलकर सट्टा में खूब धन कमाकर सट्टा किंग बन बैठा है। टी-20 सीरीज मैच में शहर के सबसे बड़े होटलों की बुकिंग की गई है। बड़े खाईवाल और बुकीयों ने यहां अपना अड्डा बना लिया है।

सट्टा माफिया होंगे मालामाल

सट्टा माफिया मालामाल होने वाले है। सट्टे का खेल शून्य से लेकर नौ नंबर तक चलता है और नेट पर एक ही नंबर आता है। इससे नौ नंबरों का रुपया उन्हें सीधा-सीधा बच जाता है। जिस खिलाड़ी का नंबर फंसता है, वह इसमें खुश हो जाता है कि उसे दस के 80 मिल गए, लेकिन बाकी खिलाडिय़ों के डूबने वाले रुपये सट्टा माफियाओं की जेब में जाते हैं। रायपुर में अब टी-20 सीरीज शुरू होने वाला है, अब देखना ये है कि पुलिस खिलाडियों का स्वागत सत्कार में ही लगी रहती है या ऑनलाइन सट्टे पर छापे मारी करती है। इसलिए बड़े सटोरियों ने शहर छोड़कर चले गए थे मगर अब फिर से सटोरिए शहर वापस आ गए है। कुछ राज्य के बाहर चले गए हैं और दूसरे शहरों से आपरेट कर रहे हैं। अधिकांश सटोरिए एक से दो माह पहले ही वहां शिफ्ट हो गए हैं। रायपुर में उनकी वसूली के लिए अलग एजेंट हैं। ये हवाला के जरिए रकम ट्रांसफर कर रहे हैं। आईटी की कार्रवाई से बचने के लिए ये खातों में पैसे नहीं जमा करवा रहे हैं।

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