प्राइवेट हॉस्पिटलों में फ्री में होगा कोरोना मरीजों का इलाज, इन्हें मिलेगा फायदा

बड़ा फैसला

Update: 2021-04-30 14:04 GMT

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों की सुविधाओं के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ईएसआईसी में बीमित व्यक्ति ओर उसके घर के सदस्य कोरोनावायरस से संक्रमित होने पर किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करवा सकेंगे। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने अपने निर्देश में कहा है कि ईएसआईसी ने देशभर में अपने सदस्यों और उनके परिजनों के इलाज के लिए ये विशेष इंतजाम किए हैं। बीमित व्यक्ति ईएसआईसी के अस्पतालों, संबंधित अस्पतालों और प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करवा सकेंगे। निजी अस्पतालों में इलाज के बाद उन्हें वहां अपना दावा पेश करना होगा।

भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने अमर उजाला से कहा, देश में बढ़ती कोरोना महामारी और इलाज के लिए परेशान होते मजदूर वर्ग को सुविधा देने के लिए हाल ही में हमारे संगठन की तरफ से श्रम और रोजगार मंत्रालय को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में हमने मंत्रालय को कोरोना महामारी के दौरान मजदूरों और उनके परिवार को आ रही दिक्कतों से अवगत करवाया था। इसके बाद सरकार ने हमारी बातों को मानते हुए मजदूर वर्ग के लिए कई अहम निर्णय लिए हैं। 21 हजार से कम वेतन वाले व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्य को अगर कोरोना होता है तो वे कर्मचारी राज्य बीमा निगम के किसी भी कोविड समर्पित अस्पताल या प्राइवेट हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा सकेंगे। यहां संबंधित व्यक्ति और उसके परिवार का इलाज पूरी तरह से बिल्कुल नि:शुल्क इलाज होगा। इलाज के बाद वे अपना दावा पेश कर सकेंगे।

पवन कुमार आगे बताते है कि कोरोना के दौरान अगर किसी ईएसआईसी कर्मचारी की मौत हो जाती है उसके दाह संस्कार के लिए उसके परिवार को 15,000 रुपये सरकार की तफर से दिए जाएंगे। ईएसआईसी के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी कोरोना संक्रमण के कारण अपनी नौकरी से गैर-हाजिर होता है तो भी उसे उसका वेतन उसे बराबर मिलता रहेगा। इलाज के दौरान 91 दिनों तक गैर-हाजिर रहने पर भी कर्मचारी बीमारी हित लाभ के तहत अपने वेतन का दावा पेश कर सकता हैं। इस दौरान कर्मचारी को एक दिन के 70 फीसदी वेतन के हिसाब से भुगतान होगा।

उन्होंने आगे कहा, यदि कोई बीमाकृत व्यक्ति कारखाने, संस्थान बंद होने या छंटनी के कारण बेरोजगार हो जाता है तो उसे आगामी दो वर्षों के लिए राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। वहीं, यदि कोई बीमाकृत कर्मचारी किसी अन्य कारण से बेरोजगार हो जाता है तो उसे अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत 90 दिनों तक आर्थिक मदद दी जाएगी। इस दौरान उसे प्रतिदिन के औसत वेतन के 50 फीसदी की दर ये ही ये मदद सरकार की तरफ से मिलेगी। इन मदद को पाने के लिए कर्मचारी को ईएसआईसी के पोर्टल पर जाकर अपना दावा पेश करना होगा। अभी देशभर में ईएसआईसी की तरफ से प्रत्यक्ष तौर पर 21 अस्पताल चलाए जा रहे हैं जहां 3,676 कोरोना बेड उपलब्ध हैं। इन अस्पतालों में 229 आइसीयू बेड और 163 वेंटिलेटर बेड्स की व्यवस्था है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष कोरोना के कारण मजदूर और कर्मचारियों का बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा था। इन्हीं दिक्कतों से सबक लेते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने कर्मचारियों को नई सुविधाएं देने का फैसला लिया है।

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