कांग्रेसियों का झगड़ा: बैकफुट पर पूर्व महापौर, लिखित में मांगी क्षमा
छत्तीसगढ़.
बिलासपुर: बिलासपुर में कांग्रेस नेताओं के बीच गाली-गलौज का घटनाक्रम अब पूर्व मेयर राजेश पांडेय की माफी मांगने के बाद समाप्त हो गया है। जिलाध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि, उनके खेद व्यक्त करने के बाद उन्हें चेतावनी दी गई है कि, भविष्य में इस तरह की अनुशासनहीनता न करें। जिसके बाद इस विवाद का पटाक्षेप हो गया है।
दरअसल, 28 नवंबर को PCC चीफ दीपक बैज की मौजूदगी में कांग्रेस भवन में बैठक के बाद दो नेता आपस में भिड़ गए। प्रदेश महामंत्री सुबोध हरितवाल और पूर्व महापौर राजेश पांडेय ने जमकर गाली-गलौज की। उनके बीच धक्कामुक्की और विवाद बढ़ता देखकर मौके पर मौजूद कांग्रेस नेताओं ने बीच-बचाव किया, लेकिन उसके बाद भी दोनों बवाल करते रहे।
इस घटना के बाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा था कि, कांग्रेस जिंदा लोगों की पार्टी है। इसलिए गहमा-गहमी होती रहती है। मैं इसे विवाद नहीं मानता, यह एक स्वस्थ चर्चा है। यह परिवार का अंदरूनी मामला है, जिसे सुलझा लिया गया है।
इस घटना के एक दिन बाद शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने इसे अंदरूनी मामला बताकर सुलझाने का दावा किया था। वहीं, दूसरे दिन प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश के बाद जिला कांग्रेस कमेटी ने राजेश पांडेय को शोकॉज नोटिस जारी कर दिया और 24 घंटे के भीतर जवाब देने कहा।
जिसके बाद राजेश पांडेय प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज से मिलने पहुंचे। इस घटना के लिए माफी मांगी। लेकिन, उन्होंने अनुशासनहीनता बताकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की चेतावनी दी।
जिसके बाद पूर्व मेयर राजेश पांडय ने कांग्रेस भवन में हुई घटना के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए खेद जताया है। उन्होंने कहा कि वो पांच दशक से सिपाही बनकर कांग्रेस की सेवा कर रह हैं। कार्यकर्ताओं से ही संगठन है। मेरा उद्देश्या ना तो कभी संगठन को नीचा दिखाना रहा है और ना ही संगठन के जिम्मेदार लोगों को अपमानित करना रहा है।
बैठक के दौरान कुछ लोगों ने मेरी बातों का अनर्थ मतलब निकाला है। जबकि मेरा ऐसा कभी कोई उद्देश्य ही नहीं रहा है। मैं प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज से मुलाकात कर वस्तुस्थिति को स्पष्ट किया है। उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों से घटना के प्रति खेद जताया है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि, कांग्रेस भवन में सुबोध हरितवाल और राजेश पांडेय के बीच में वाद-विवाद हुआ था। उस मामले पर संगठन ने नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा था, जिसके बाद उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के सामने माफी मांगी।
इसके साथ ही सुबोध हरितवाल से माफी मांगी है। लिखित में भी क्षमा मांग ली है। लिहाजा, कांग्रेस कमेटी ने उन्हें चेतावनी दी है कि भविष्य में इस तरह की अनुशासनहीनता नहीं करेंगे, जिसके बाद इस मामले को समाप्त कर दिया गया है।