इस पर जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने पिता से कहा कि भिलाई के मॉल में वह रविवार को 4 घंटे बेटे को मां से मिलाए। इस दौरान पिता भी अपनी बेटी से मिल सकेगा।अब 10 मार्च को सुनवाई होगी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि इस दौरान दोनों पक्षों को यह तय करने को कहा है कि पति-पत्नी और बच्चों की मुलाकात के दौरान उनके परिवार का कोई अन्य सदस्य बाधा न पहुंचाए। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने निचली अदालत में चल रहे मामले की सुनवाई को फिलहाल स्थगित रखने के निर्देश भी दिए हैं।
दरअसल, रायपुर जिले में रहने वाले युवक की शादी पास के गांव की युवती से हुई थी। शादी के बाद पति सऊदी अरब चला गया। बीच में आता-जाता था। इस बीच उनके दो बच्चे हुए। कुछ समय बाद विवाद हुआ तो पत्नी अपनी बेटी के साथ मायके में रहने लगी। बेटा दादा-दादी के साथ रहने लगा। फिर तलाक के मामला दायर हुआ। हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में बच्चों के हित को ध्यान में रखकर पिता को उसे साथ लेकर आने के निर्देश दिए थे।