रायपुर। साल 2013 को हुए झीरम घाटी हत्याकांड मामलें में सीएम भूपेश बघेल ने बयान दिया है कि अगस्त 2014 तक घटना की प्राथमिकी में (नक्सल नेताओं) रमन्ना और गणपति के नामों का उल्लेख किया गया था। सितंबर 2014 में NIA द्वारा कोर्ट में जो रिपोर्ट प्रस्तुत की उसमें से उनके नाम क्यों हटा दिए गए थे? ऐसा करने के पीछे क्या उद्देश्य था?
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने गुरुवार को श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने से पहले झीरम घाटी हमले की जांच को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिसमें सीएम बघेल ने बीजेपी पर झीरम घाटी हमले की जाँच रुकवाने का आरोप लगाया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी के हमले की जाँच को लेकर भाजपा का पर निशाना साधा है। सीएम बघेल ने पत्रकार वार्ता में अपना बयान देते हुए कहा कि, जिस दिन केंद्र में हमारी सरकार बनेगी, उस दिन दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। पहले रमन्ना का नाम था, बाद में 2014 में प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया, लेकिन आश्चर्यजनक ढंग से रमन्ना का नाम नहीं था। मोदी सरकार रमन्ना और गणपति को क्यों बचा रही है? उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह के खासमखास धरमलाल कौशिक ने आयोग के गठन के बाद स्टे लिया। बीजेपी जांच में रुकावट क्यों डाल रही है? बीजेपी किसको छुपाना चाह रही है? जो सवाल मैंने उठाये हैं जवाब दें।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि झीरम की दसवी बरसी है, श्रद्धांजलि देने जगदलपुर जा रहा हूं। झीरम को लेकर भाजपा बहुत हल्के ढंग से बात कर रही है, वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है हास्यास्पद है, झीरम से पूरा देश दहल गया था। तत्कालीन यूपीए ने एनआई की जाँच की घोषणा की थी। जाँच शुरू हुई और जो एफआईआर हुआ, उसमे 2014 तक रमन्ना और गणपति का नाम था। संपति कुर्क करने का आदेश था, कुछ संपत्ति कुर्क भी हुई। उसके बाद एनआईए की प्रारंभिक रिपोर्ट में उन दोनों का नाम नहीं था। मोदी सरकार रमन्ना और गणपति को क्यों बचा रहे है? यदि एफआईआर में किसी का नाम आ गया तो हटता नहीं है। जवाब दें वो कैसे हटा? भाजपा ने क्यों हटाया?
आगे सीएम बघेल ने कहा कि, आयोग की जो रिपोर्ट आई है, उसे सरकार और मुख्य सचिव को न देकर राजभवन में दिया जाता है, ऐसा कभी हुआ है? जब खबरें चलने लगी हमने दो सदस्यीय टीम का गठन किया। धरमलाल कौशिक उस पर स्टे ले आते है। जेठमलानी भाजपा नेता हैं, केस लड़ते है। धरमलाल कौशिक रमन सिंह के खासमखास है, नान पर भी कोर्ट से स्टे ले आते हैं। ये किस मुँह से बात करते हैं, अब भाजपा को जवाब देना है। जैसे यूपीए की सरकार हटी, और एनडीए की सरकार आई। केवल दंडकारण्य मान कर जाँच ख़त्म कर दी गई.भाजपा कहती है जेब में पर्ची लेकर घूम रहे हैं उसका जवाब दे दें अब। जिस दिन केंद्र में हमारी सरकार बनेगी, उस दिन दूध का दूध, पानी का पानी होगा।