छत्तीसगढ़: मुर्गीपालन बना आजीविका का साधन...अब तक एक लाख 20 हजार रूपए की आमदनी
छत्तीसगढ़/बालोद। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत् गुण्डरदेही विकासखण्ड के ग्राम गब्दी की सरस्वती स्वसहायता समूह की महिलाएं मुर्गीपालन कर आय अर्जित कर रही हैं, जो इनके आजीविका का साधन बना है। समूह की अध्यक्ष पूर्णिमा देवांगन ने बताया कि समूह का गठन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत् हुआ। फिर बैंक लिंकेज के माध्यम से एक लाख रूपए का ऋण लिया गया जिससे चूजा खरीदकर मुर्गीपालन प्रारंभ किया गया। उन्होंने बताया कि अब तक मुर्गीपालन से समूह को एक लाख 20 हजार रूपए आमदनी प्राप्त हो चुका है।