CG BREAKING: बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी खबर

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Update: 2024-06-22 19:06 GMT
Bilaspur. बिलासपुर। न्यायालयीन आदेश की अनदेखी करने पर सेवानिवृत डिप्टी कलेक्टर आरएन सनमानी द्वारा राजस्व सचिव, कमिश्नर और सरगुजा कलेक्टर के खिलाफ दायर की गई अवमानना याचिका को हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हाईकोर्ट के आदेश का पालन 04 (चार) माह विलंब से कर दिया गया है, चूंकि हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा पारित आदेश का पालन कर दिया गया है, इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जुर्माना लगाने से इंकार करते हुए अवमानना
याचिका को समाप्त कर दिया गया.
बता दें कि टपरिया, अंबिकापुर निवासी आरएन सनमानी, जिला-कोरिया में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे. जुलाई 2017 में 62 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया. सेवानिवृत्ति के पश्चात् समस्त सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान ना होने पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सचिव, राजस्व विभाग एवं कलेक्टर, कोरिया को 60 दिन के भीतर समस्त सेवानिवृत्ति देयक के भुगतान का निर्देश दिया था. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को विभाग के समक्ष नए सिरे से अभ्यावेदन पेश करने की बात कही थी. कोर्ट के निर्देश पर अभ्यावेदन पेश करने के बाद भी हाई कोर्ट द्वारा तय समयावधि 60 दिनों के भीतर अभ्यावेदन का निराकरण नहीं किया गया.
निर्धारित समयावधी में हाईकोर्ट के आदेश का पालन ना होने पर आरएन सनमानी ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष अवमानना याचिका दायर की थी। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर ने हाईकोर्ट के सामने यह तर्क प्रस्तुत किया कि वर्तमान में याचिकाकर्ता की उम्र 68 वर्ष है. छत्तीसगढ़ राज्य में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा पारित आदेशों का निर्धारित समयावधि में पालन ना कर लगातार हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना की जा रही है। अधिकांश सीनियर सिटीजन को उनके जीवनकाल में न्याय नहीं मिल पा रहा है. हाईकोर्ट में लगातार अवमानना याचिकाऐं पेश किये जाने से न्यायालय का अत्यन्त कीमती एवं महत्वपूर्ण समय व्यर्थ होता है, इसलिए नीलम नामदेव एक्का (सचिव, राजस्व विभाग), महावीर राम (डिप्टी कमिश्नर, सरगुजा) औऱ विनय कुमार लांगे (कलेक्टर, कोरिया) के खिलाफ जुर्माना लगाने और गंभीर कार्यवाही की जाए. जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आज वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जुर्माना लगाने से इंकार करते हुए अवमानना याचिका को समाप्त कर दिया.
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