BIG BREAKING: अनवर ढेबर को मेरठ जेल से लखनऊ लेकर पहुंची STF, कोर्ट से मिली 3 दिन की रिमांड

पूछताछ में होंगे कई बड़े खुलासे

Update: 2024-06-28 18:42 GMT
Raipur/Lucknow. रायपुर/लखनऊ। इस वक़्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमें मेरठ जेल में बंद अनवर ढेबर Anwar Dhebar को होलोग्राम मामले के चलते मेरठ से लखनऊ एसटीएफ टीम लेकर पहुंची है जहां अब कोर्ट ने लखनऊ STF को दोनों आरोपियों से पूछताछ करने के लिए 3 दिनों की रिमांड पर भेजा है। 28 से 30 तक अनवर ढेबर Anwar Dhebar लखनऊ STF की रिमांड पर रहेगा। अनवर की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते है। वही
अनवर ढेबर
 Anwar Dhebar को उनके परिजनों को नही मिलने दिया जा रहा है। 

ये था पूरा मामला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में अनवर ढेबर को यूपी STF ने शुक्रवार को मेरठ कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने अनवर को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब मामले की दोबारा सुनवाई 1 जुलाई को होगी। यूपी STF की ओर से बताया गया कि अनवर ढेबर से पूछताछ के लिए उसे अलग से कस्टोडियन रिमांड पर लेने के लिए आवेदन पेश किया जाएगा। STF बुधवार को रायपुर से अनवर को लेकर मेरठ रवाना हुई थी। गुरुवार को टीम लखनऊ पहुंची और अनवर को रात भर STF कार्यालय में रखा गया।
यूपी STF ने अपने प्रेस नोट में बताया है कि अनवर ढेबर रायपुर का एक कारोबारी है, जो राजनीतिक रूप से बहुत सक्रिय था। उसने तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा , अरुणपति त्रिपाठी, IAS निरंजनदास और अन्य लोगों के सहयोग से विधु गुप्ता की कंपनी को फर्जी तरीके से होलोग्राम देने की शर्त पर टेंडर दिलवाया। साथ ही डिस्टलरी के जरिए अवैध शराब को सरकारी दुकानों से ही बिकवाकर कैश कलेक्शन कराया। ढेबर अवैध शराब से आई रकम में से 300 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से खुद का कमीशन लेता था। ढेबर की ओर से ही इस घोटाले से जमा होने वाले पैसे का एक बड़ा अमाउंट राजनीतिक संरक्षकों तक पहुंचाया जाता था।
जुलाई 2023 में छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में ED ने नोएड़ा के कासना थाने में तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास, कारोबारी अनवर ढ़ेबर, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन के MD एपी त्रिपाठी और तत्कालीन सचिव इंडस्ट्रीज IAS अनिल टुटेजा के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इनके अलावा PHSF (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) के डायरेक्टर विधु गुप्ता के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 484, 120बी IPC और 7/13.7 (क) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था। दर्ज FIR के मुताबिक नोएडा स्थित प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को एक टेंडर मिला था। यह टेंडर छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से दिया था। कंपनी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी, लेकिन कंपनी के मालिकों की मिलीभगत से उसे पात्र बनाया गया।
यह काम आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास, तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा ने निविदा शर्तों को संशोधित करके किया। इसके बाद PHSF नोएडा को अवैध रूप से टेंडर दिया गया। बदले में कंपनी के मालिक विधु गुप्ता से प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया गया। छत्तीसगढ़ में सरकारी दुकानों से अवैध देशी शराब की बोतलें बेचने के लिए बेहिसाब डूप्लीकेट होलोग्राम लिए गए। टेंडर मिलने के बाद विधु गुप्ता डूप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई छत्तीसगढ़ के सक्रिय सिंडिकेट को करने लगा। यह सप्लाई छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेडके एमडी अरुणपति त्रिपाठी के निर्देश पर हुई। सिंडिकेट के सदस्य डूप्लीकेट होलोग्राम को विधु गुप्ता से लेकर सीधे मेसर्स वेलकम डिस्टलरीज, छत्तीसगढ डिस्टलरीज लिमिटेड, भाटिया वाइन एंड मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड को पहुंचा देते थे। इन डिस्टलरीज में होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद अवैध बोतलों को फर्जी ट्रांजिट पास के साथ दुकानों तक पहुंचाया जाता था। फर्जी ट्रांजिट पास का काम छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से होता था।
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