भूपेश सरकार का फैसला: धान ही नहीं गन्ने से भी बनेगा एथेनॉल

Update: 2020-10-21 06:43 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब धान के अलावा गन्ने से भी एथेनॉल बनाया जाएगा। प्रदेश की सरकार ने प्लांट लगाने के लिए 6 कंपनियों से एमओयू किया है। करीब 1 साल के भीतर प्रदेश में प्लांट लगेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धान का ज्यादा उत्पादन होता है। इस्तेमाल में लाए जाने के बाद बचने वाले धान और गन्ने से यह फ्यूल तैयार होगा। लगातार सरकार इसे लेकर केंद्र सरकार के संपर्क में थी। अब एथेनॉल खरीदी के रेट तय कर दिए गए हैं, भारत सरकार राज्य से 54 रुपए प्रति लीटर में एथेनॉल खरीदेगी। यह बातें सीएम ने रायपुर के कांग्रेस दफ्तर में पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं।

क्या होता है एथेनॉल : एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर गाडिय़ों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे शर्करा वाली फसलों से भी तैयार किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। एथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन होता है। एथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल है और पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से सुरक्षित रखता है। एक्सपर्ट मानते हैं कि एथेनॉल फ्यूल हमारे पर्यावरण और गाडिय़ों के लिए सुरक्षित है।

तो भूपेश सरकार को नोबल पुरस्कार मिल जाएगा : मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमारी सरकार धान से फ्यूल बनाने के मुद्दे पर काम करती रही। लोगों ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो भूपेश बघेल की सरकार को नोबल पुरस्कार मिलेगा । शुरूआत में भाजपा इसका विरोध करती रही। कल जब पेट्रोलियम मंत्री ने घोषणा की तो सब बैठकर सुनते रहे। जो विरोध कर रहे थे अब वो इसका श्रेय लेने की कोशिश में हैं। इसका प्रयास हमने ही किया ऐसे कैसे कोई श्रेय ले लेगा। पिछले साल से इस पर चर्चा शुरू की अधिकारियों ने प्रोजेक्ट बनाए, रविवि की यूनिवर्सिटी में प्रयोग हुए, पंजाब में हमने प्रयोग किए थे।

क्या होगा फायदा

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की तरफ से बात करते हुए सीएम ने कहा कि फ्यूल उस धान से बनेगा जो सेंट्रल पूल और स्टेट पूल में खरीदी के बाद भी बच जाता है। इससे किसानों को धान बेचने के अलावा अतिरिक्त आय होगी। जहां प्लांट लगेगा वहां लोगों को रोजगार मिलेगा। किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। मंत्री रविंद्र चौबे ने इस दौरान केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार के साथ मिलकर केंद्र सरकार वहां प्लांट लगाए जिन जिलों में उत्पादन ज्यादा है।

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