भिलाई। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के पावन अवसर पर भिलाई ब्रह्मकुमारीज़ द्वारा आयोजित स्वर्णिम भारत ज्ञान कुंभ मेले "चैतन्य देवियों" की भव्य झांकी को मिले अपार प्रेम, श्रद्धा और परमात्म अवतरण संदेश के लिए प्रयागराज सेवाकेंद्रो की निदेशिका एवं मेला प्रभारी राजयोगिनी मनोरमा दीदी जी ने शिक्षा एवं इस्पात नगरी मिनी इंडिया भिलाई का हृदय से आभार व्यक्त किया है। भिलाई को पूरे विश्व के ब्रह्माकुमारीज़ परिवार में भलाई करने वाले कहा जाता है, इस वरदान और राजयोगिनी आशा दीदी जी के श्रेष्ठ संकल्प से प्रयागराज महाकुंभ में चैतन्य देवियों की झांकी निर्विघ्न अनवरत जारी है। स्वर्णिम भारत ज्ञानकुंभ मेले एवं चैतन्य देवियों की झांकी का दर्शन लाभ उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, डिस्टिक जज संतोष राय,प्रशासनिक अधिकारीगण,संत महात्मा,विदेशी श्रद्धालु,मीडिया सदस्य सहित समस्त भारतवर्ष के असंख्य श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ प्राप्त किया।
मनोरमा दीदी जी ने बताया कि इस पवित्र महाकुंभ के लिए जैसे एक पूरा जिला और नगर बस गया,ठीक इसी प्रकार हम सभी के पवित्र संकल्पों से स्वर्णिम भारत की परिकल्पना भी साकार होनी ही है।
विशेष चैतन्य देवियों की झांकी के दर्शन उपरांत संत महाराज ने एक टांग में खड़े होकर एवं विदेशी श्रद्धालु मूर्ति रूप में विराजमान चैतन्य देवियों की आरती कर अपनी भावनाओं को प्रकट कर रहे है।
इस दिव्य झांकी ने श्रद्धालुओं को राजयोग द्वारा प्राप्त शक्तियों से तन और मन की एकाग्रता,युगों का दर्शन,परमात्म परिचय,आत्मज्ञान, शाश्वत यौगिक खेती, सनातन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनुपम संदेश दिया, जिसे देश-विदेश से आए भक्तों ने अत्यंत सराहा। झांकी स्थल पर आयोजित राजयोग मेडिटेशन और आध्यात्मिक मूविंग चित्र प्रदर्शनी में असंख्य श्रद्धालुओं की भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि आध्यात्मिक शांति और आत्मशुद्धि की राह पर लोगों की रुचि लगातार बढ़ रही है। श्रद्धालुओं की सकारात्मक प्रतिक्रियाओं और दिव्य अनुभवों ने इस आयोजन को और भी सार्थक बना दिया।
ज्ञात हो कि प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र स्थित सेक्टर 7,बजरंग दास मार्ग में भिलाई की चैतन्य देवी की अलौकिक दिव्य झांकी मेला भिलाई ब्रह्माकुमारी द्वारा लगाया गया है,जिसमें भिलाई एवं भारत के अन्य सेवाकेंद्रो से आए सेवाधारी भाई बहने अथक होकर अपनी सेवाएं दे रहे है।