लॉकडाउन में आसिफ का गांजा और रवि का सट्टा रहा अनलॉक

Update: 2021-05-08 06:12 GMT

छुटभैय्ये नेताओं के संरक्षण में चल रहा काला कारोबार

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में लॉकडाउन अब भी जारी है रोजाना मरीजों की एक लाइन अस्पतालों के बाहर देखी जा सकती है। लेकिन इस आपदा के समय मे भी खर्च लोग नशे का कारोबार करना बंद नही कर रहे है। दीपक तो बुझा हुआ है लेकिन नशे की रौशनी पूरी गली में फैली हुई है। वही आसिफ का गांजे का कारोबार फिर से चलने लगा है। गंज थाना क्षेत्र में एक युवक खुलेआम लोगों को गांजा मुहैया करा रहा है। रायपुर में पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा ऑपरेशन क्लीन चलाया गया। जिसमें शहर भर के गंजेड़ी, नशेड़ी लोगों को हिदायत दी गई। और शहर में बाहर से ला रहे नशे के सामानों पर रोक लगाने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है। और अब तक बहुत लोगों को पुलिस गांजा के साथ गिरफ्तार करते जा रहे है। मगर इन सबसे परे एक ऐसा शातिर नशे का सौदागर है जो गुपचुप तरीके से लोगों को नशा उपलब्ध करा रहा है।

कालीबाड़ी क्षेत्र में बना गंजेडिय़ों का चेन : राजधानी के कालीबाड़ी इलाके में स्थित सुलभ शौचालय के आगे स्थित खाली मैदान के पास से गली जाती है। ये वही गली है जहा शहर भर के नशेड़ी आना-जाना करते है इस गली में गांजा, सट्टा, जुआ का कारोबार खुलेआम चल रहा है। गंजेड़ी नशेड़ी लोग इस गली को रखवाली करने के लिए पूरी गली में पहरा देने के लिए एक चेन बनाकर काम कर रहे है। गलियों से ही इलाके से बाहर भागने का भी रास्ता अवैध कारोबरियों ने बना लिया है। सबसे चौकाने वाली बात तो ये है कि कोतवाली थाना पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग रही है। जबकि इसी गली की एक छोर में गांजा बिकता है तो दूसरे छोर में सट्टा चलता है।

नशेडिय़ों को रायपुर बहुत पसंद है : राजधानी में नशे के कारोबारियों की हिम्मत बढ़ी है तो उसका सबसे बड़ा कारण है कुछ छुटभैय्या नेता, क्योंकि कुछ छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण की वजह से आज नशे का कारोबार और कारोबारी अपनी काली कमाई चरम सीमा पर है। एक मंत्री को इतनी तनख्वा नहीं मिलती होगी जितनी एक गांजा कारोबारी को एक दिन में मिल जाता है। रायपुर शहर में पुलिस जब से एक्शन मोड़ में आयी है तब से नशे के सौदागरों में एक अलग तरह का खौफ दिखने लगा है। बावजूद असामाजिक तत्वों ने अपने धंधों को चलाने के लिए जगह-जगह पर अब भी अपने अड्डे बना लिए हैं। शहर के भीतर नशे के सौदागरों ने अपने अड्डे बना लिए है। शहर में गांजा, शराब, सट्टा और जुआ का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। उनका संचालन बेखौफ किया जा रहा है।

खुलेआम चल रहा सट्टा : राजधानी में समता कालोनी,तेलाबांधा, कटोरातालाब, राजातालाब, बस स्टैंड, मोवा, दलदल सिवनी, पुरैना, गुढिय़ारी, कोटा, गोगांव, खमतराई, बिरगांव, कबीर नगर, बोरिया खुर्द और बोरियाकला, टीटीबंध, लाभांडी के तक सटोरियों का जाल बिछा है। हर रोज लाखों के दाव लगते है। लेकिन पुलिस बेखबर है। सट्टा खिलाना जहां दिन भर यातायात पुलिस, ट्रैफिक वाले तैनात रहते हैं उनके सामने इस तरह की अवैध कारोबार चल रहा हैं। सट्टेबाजों के खिलाफ आज तक थाना में कोई शिकायत भी दर्ज नहीं हुई है, लॉकडाउन में भी अपराधी सीना तानकर घूम रहे हैं। रायपुर में क्रिकेट सट्टा खिलाने के लिए सेवन स्टार नामक विशेष एप का भी इस्तेमाल किया जाता हैं। जब-जब आईपीएल क्रिकेट मैच चालू होता हैं सट्टा खिलाने वाले लोगों के प्यारे-न्यारे होते हैं और खुलेआम अपने घरों में भी मोबाइल के जरिए सट्टा खिलाते हैं।

गंज थाना क्षेत्र में बिक रहा गांजा

राजधानी के गंज थाना क्षेत्र में रोजाना गांजा बिक रहा है मानिकपुरी गैंग के गुर्गे इस क्षेत्र में बिना रोक-टोक गांजा बेच रहे है जिसकी खबर पुलिस को भी है लेकिन जब-जब पुलिस इस गैंग के गुर्गों को गिरफ्तार करने जाती है तो आरोपी वहा से फरार हो जाता है। पुलिस को भरी लॉकडाउन में उस आरोपी को ढूंढना पड़ रहा है। लेकिन इस गैंग का गुर्गा अपने आपको इतना शातिर समझ रहा है कि पुलिस से ही आंख मिचौली का खेल कर रहा है।

ऑपरेशन क्लीन क्लोज़, नशा ओपन

राजधानी में जहा एक तरफ 2 हफ्ते या 3 हफ्ते में कोई एक गांजे की खेप पुलिस पकड़ती है, तो वही कुछ आरोपी पुलिस को चकमा देकर बच जाते है। जब तक पुलिस का ऑपरेशन क्लीन चल रहा था। तब तक शहर में बहुत लोगों की भी गिरफ्तारी भी हुई। लेकिन उसके बाद जैसे ही ऑपरेशन क्लीन क्लोज़ हुआ नशा शहर भर में ओपन होने लगा है।

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