गरियाबंद। छत्तीसगढ़ का सुपेबेड़ा गांव किडनी की बीमारी से जूझ रहा है। 14 साल में इस गांव में 87 लोगों की मौत हो चुकी है। गॉव के त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि पीड़ित जबल सिन्हा पिछले दो साल से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे, त्रिलोचन ने बताया कि जबल का स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए एम्स लेकर गए थे। वहां डायलीसिस करवाने कि सलाह डॉक्टरों ने जबल को दी। लेकिन उन्होंने डायलिसिस करवाने से मना कर दिया और वहां से वापस आ गए। त्रिलोचन ने बताया कि आज देर शाम जबल की मौत हो गई। त्रिलोचन ने बताया कि मृतक का क्रिटीनीन सामान्य से बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ था, वहीं ग्रामीणों का दावा है कि किडनी की बीमारी की वजह दूषित पानी है। सरकार की तरफ से गांव के लोगों को सिर्फ आश्वासन मिलता है।
सुपेबेड़ा छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव है, जहां किडनी की बीमारी से गत 14 साल में 87 लोगों की मौत हो चुकी है। किडनी की बीमारी का प्रकोप यहां बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में गॉव में दस दिन पहले एक पीड़ित की मौत हुई थी, आज मृतका का दशगात्र का कार्यक्रम था, इस बीच आज एक किडनी पीड़ित ने फिर दम तोड़ दिया। गांव में लगातार होने वाली मौतों के बाद दावे तो बहुत किए गए लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ काम नहीं आया।