टायर से ऑयल बनाने वाली अवैध फैक्ट्री में हादसा

Update: 2021-08-01 05:46 GMT

महासंमुद में लापरवाही से घटी घटना, गर्म गैस से झुलसे चार कर्मी

बिना सुरक्षा उपकरणों के काम कर रहे थे घायल कर्मचारी

पर्यावरण विभाग द्वारा टायर से तेल निकालने की फैक्ट्री को अनुमति नहीं दी जाती फिर भी इस तरह की फैक्ट्री कैसे चल रही है, जांच का विषय है

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर/महासमुंद। औद्योगिक क्षेत्र बिरकोनी के फर्नेश ऑयल फैक्ट्री में काम करने वाले चार मजदूर गर्म गैस से झुलस गए हैं। हादसे के बाद अफरा-तफरी मच गई। कर्मचारियों की सूचना पर डायल 112 की टीम फैक्ट्री पहुंची और इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद चारों को रायपुर रेफर कर दिया गया। इसमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि जब कर्मचारी रिक्टर चैंबर के ढक्कन को खोल रहे थे उसी समय हादसा हुआ। रिक्टर चेंबर के अंदर टायरों के घर्षण के चलते गर्म गैस भर हुई थी, जैसे ही ढक्कन खोले गर्म गैस बाहर निकला और चारों कर्मचारी झुलस गए।

इधर, सूचना पाकर जिला अस्पताल में तहसीलदार प्रेम साहू व एसडीओपी नारद सूर्यवंशी भी पहुंचे थे, जहां कर्मचारियों से बयान लिया गया है। इस संबंध में उद्योग अधिकारी संजीव शुकदेव का कहना है कि फर्नेश ऑयल में एक हादसा हुआ है, जिसमें चार कर्मचारी झुलस गए हैं। हैल्थ व सैफ्टी के अधिकारी आलोक पांडे को इसकी सूचना मिल गई है वे जांच के लिए पहुंच रहे हैं। हादसे किस कारण हुआ है, यह अभी सामने नहीं आया है। इसके अलावा सेफ्टी के संबंध में भी जांच की जाएगी। जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

रिक्टर चेंबर में टायर डालते समय हुआ हादसा

फर्नेश ऑयल कंपनी के कर्मचारी देवराज राय ने बताया कि घटना दोपहर साढ़े तीन बजे का है। उन्होंने बताया कि इस कंपनी में पुराने फटे टॉयर से ऑयल निकाला जाता है। इस कंपनी में 6 लोग काम करते हैं। जो घायल हुए हैं, वे रिक्टर चेंबर में ऑयल निकालने के लिए टॉयर डाले थे। कुछ मिनटों बाद फिर से रिक्टर चेंबर में टायर डालने के लिए मुक्तेश्वर ढक्कन को खोल रहा था। वहीं उसके पीछे शैलेश, किशोर व गड्ड भी खड़ा था, जैसे ही ढक्कन को खोला गया गर्म हवा की लपटों से चारों के चारों झुलस गए। बता दें कि टायरों के घर्षण के कारण रिक्टर चेंबर में अधिक गर्म गैस का प्रेशर बना गया था, जिसकी वजह से ढक्कन खोलते ही गर्म हवा सीधे कर्मचारियों को अपनी चपेट में ले लिया। पूछताछ के दौरान कर्मचारी ने बताया कि बिना सुरक्षा उपकरण के काम कर रहे थे।

हादसे में ये चार कर्मचारी झुलसे

इधर, थाना प्रभारी शेर सिंह बंदे ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र स्थित श्री रामधाम फर्नेश ऑयल कंपनी के रिक्टर चैंबर को खोलते गोपालगंज बिहार निवासी मुकेश राय पिता मतीलाल राय (30), शैलेष राय पिता कमलेश राय (33), गुड्डू राय पिता भंग वत राय (26) एवं हरकिशोर राय पिता रामजीत राय (36) झुलस गए। उन्होंने बताया कि इन सभी का जिला अस्पताल में प्राथमिक हुआ और गंभीर हालत को देखते हुए रायपुर रेफर कर दिया गया है। कंपनी में 6 कर्मचारी काम करते हैं, सभी गोपालगंज बिहार किटे रहने वाले है और कंपनी में ही निवास करते हैं। परिजनों को सूचना दे दी गई है।

ग्रामीणों ने फैक्ट्री बंद करने की मांग की

बिरकोनी के ग्रामीणों द्वारा फर्नेश ऑयल कंपनी को बंद करने के लिए कई बार जिला प्रशासन व शासन स्तर पर मांग कर ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन शासन व प्रशासन की मिली भगत से यह कंपनी चल रहा है। चार साल पूर्व इस कंपनी का विद्युत कनेक्शन भी काटा गया था, इसके बाद फिर से शुरू हो गया है। इस फैक्ट्री से निकलने वाले काले व चूर्ण व हवा से ग्रामीण परेशान है। वहीं इस कंपनी से ग्रामीण क्षेत्र का पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। कई संघों के द्वारा भी फैक्ट्री बंद करने के लिए आंदोलन भी किया गया है।

हादसे के बाद कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

बिरकोनी औद्योगिक क्षेत्र में रविवार को फर्नेश ऑयल फैक्ट्री में हुए हादसे के संबंध में कलेक्टर डोमन सिंह ने फैक्ट्री मालिक को घटना में सभी झुलसे मजदूरों का राजधानी के निजी अस्पताल (बर्न यूनिट) में बेहतर उपचार कराने का निर्देश दिया। कलेक्टर ने औद्योगिक सुरक्षा के तहत सहायक संचालक उद्योग आशुतोष पांडे को तत्काल जांच करने का निर्देश दिया। वहीं कलेक्टर ने तुरंत घटना स्थल पर एसडीएम महासमुंद भागवत जायसवाल को भी भेजा और स्थिति का जायजा लिया।

टायर से तेल बनाने वाली फैक्ट्री को अनुमति नहीं?

जानकारी के अनुसार टायर से तेल बनाने वाली फैक्ट्री संचालित करने की अनुमति या लाइसेंस किसी को भी नहीं दी गई है. सीएम भूपेश बघेल द्वारा इस बड़ी घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच करने के निर्देश देना चाहिए और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। वही बिना लाइसेंस के फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है, पर्यावरण विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी गई है. सुरक्षागत दृष्टि से देखा जाए तो समय पर इस फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट और पर्यावरण विभाग ने इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना है। 

फैक्ट्री के वैध-अवैध होने के संबध में महासमुंद के एसपी और पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर के सदस्य-सचिव से चर्चा करने की कोशिश की गयी, लेकिन दोनो अधिकरियों ने 15-15 बार फोन लगाने के बाद भी कॉल रिसीव नहीं किया।

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