बीजापुर। मिनिस्ट्री आफ रूरल डेवलपमेंट (MORD) भारत सरकार ने 1 फरवरी से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत श्रमिकों के मजदूरी भुगतान आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) के आधार पर करने निर्देश दिए है। यह सिस्टम आधार कार्ड से बैंक का खाता लिंक के आधार पर कार्य करेगा। श्रमिकों को जिस बैंक में मनरेगा मजदूरी का भुगतान चाहिए होगी। उस बैंक में जाकर आधार नंबर को लिंक कराना अनवार्य होगा। उक्त जानकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रवि कुमार साहू ने प्रेसवार्ता में दी।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी रवि कुमार साहू ने बताया कि कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा की पहल पर बीसी सखी के माध्यम से बैकिंग सुविधा ग्रामीणों तक पहुंचाई जा रही है। इसी कड़ी में मनरेगा का भुगतान एईपीएस आधारित होने के बाद इसका लाभ श्रमिक ग्राम पंचायत स्तर पर ले सकते हैं। मनरेगा श्रमिकों को सिस्टम की संबंधी जानकारी एवं जागरूकता लाने जमीनी अमलों को प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं। जिले में मनरेगा अंतर्गत जाबकार्डधारी श्रमिकों को अपना आधार कार्ड ग्राम पंचायत रोजगार सहायक अथवा सचिव के पास जमा किया जाना होगा ताकि उसे बैंक खाते से और नरेगा सॉफ्ट में जोड़कर भुगतान श्रमिक के खाते में प्राप्त हो सके। खाते में भुगतान मिलने से मजदूरी राशि का सही सही गणना करने में सहुलियत तो होगी ही साथ ही मजदूरी राशि भारत सरकार से सीधे मजदूरों के खाते में आने के कारण मजदूरी भुगतान संबंधी शिकायतों से भी छुटकारा मिल पाएगा। बैंकिंग सुविधाओं से जुड़ने के कारण मनरेगा के अलावा पीएम आवास, एनआरएलएम के अलावा अन्य शासकीय योजना की राशि भी सीधे हितग्राहियों के खाते में प्राप्त होगी।
जिले में इस वित्तीय वर्ष में 31 मार्च तक 15 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से वर्तमान में 76 प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण कर लिए गए हैं। मनरेगा में जिले में कुल 1 लाख 7 हजार मजदूर पंजीकृत है, जिनमें से 34 प्रतिशत मजदूरों के बैंक खाते से आधार लिंक है। 30 मार्च तक अधिक से अधिक मनरेगा मजदूरों के बैंक खाते से आधार लिंक कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन की दूरदृष्टि एवं कलेक्टर राजेन्द्र कटारा की पहल पर बीसी सखी के माध्यम से बैकिंग सुविधा ग्रामीणों तक पहुंचाने की सोच इस कार्य में सहायक होंगी। जिले में वर्तमान में 54 ग्राम पंचायतों में एयरटेल पेमेंट बैंक और बीसी सखी के माध्यम से बैंकिग सेवा पहुंचाया जा रहा है, इसके माध्यम से ग्रामीणों को गांव व घर पहुंच नकद भुगतान की सुविधा प्राप्त हो रही है।
जिले में ऐसे भी बहुत से ग्राम पंचायतें हैं जहां बीसी सखियों द्वारा बैकिंग सुविधा पहुंचाने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रही हैं। ऐसे ही एक बीसी सखी श्रीमति प्रियंका पांडे की कहानी है जिन्हें ग्राम पंचायत में विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को ग्राम स्तर तक बैकिंग सेवा पहुचाने में उत्कृष्ट कार्य करने के कारण जिला प्रशासन द्वारा 26 जनवरी को विधायक विक्रम शाह मंडावी के हाथों सम्मानित किया गया। वर्तमान आंकड़ो को गौर करें तो प्रियंका ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 38 लाख रूपये का भुगतान किया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार
जाबकार्डधारी परिवारों को जागरूक करने एवं आधार वेरीफिकेशन कार्य को गति देने के लिए सहायक परियोजना अधिकारी पीआर साहू, नारायण बंजारा, मनीष सोनवानी एवं उपसंचालक पंचायत गीत कुमार सिन्हा के नेतृत्व में जनपद पंचायतवार दल का गठन किया है। वहीं विगत दिनों आधार सक्षम भुगतान प्रणाली जागरूकता रथ को कलेक्टर द्वारा हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया गया है। जिले की ग्राम पंचायतों में व्यापक प्रचार प्रसार हेतु जमीनी अमले को पंचायतों में नारा लेखन करने के निर्देश दिए हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े :
महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत आधार बेस्ड भुगतान की स्तिथि
30 जनवरी 2023 की स्थिति में नरेगा सॉफ्ट में आधार सीडिंग
कुल श्रमिकों की संख्या 107632 हैं।
जिसमें से आधार सीडिंग श्रमिकों की संख्या 80365 लगभग 74.67%) है।
आधार में भुगतान हेतु Eligible For ABPS आधार बेस्ड सिस्टम में कुल 19134 मजदूर हैं।
27 फरवरी 2023 की स्थिति में नरेगा सॉफ्ट में आधार सीडिंग
कुल श्रमिकों की संख्या .107473 हैं।
जिसमें से आधार सीडिंग श्रमिकों की संख्या 81237 (लगभग 75.59% ) है ।
वर्तमान में आधार में भुगतान हेतु Eligible For ABPS आधार बेस्ड सिस्टमद्ध में कुल 33907 मजदूर हैं।