धमतरी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के एक वर्ष होने के उपलक्ष्य में प्रदेश सहित जिले में भी अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज जिला महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से कुरूद विकासखण्ड में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामुहिक विवाह आयोजित किया गया, जिसमें 48 जोड़े परिणय सूत्र में बंधें। इस अवसर पर 48 दूल्हों की बारात बाजे-गाजे के साथ जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारियों ने निकाली। साथ ही महिला एवं बाल विकास तथा जिला प्रशासन द्वारा इनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर विधायक कुरूद अजय चन्द्राकर, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू राम निषाद, सांसद प्रतिनिधि मूलचंद सिन्हा, नगर पंचायत कुरूद की पूर्व अध्यक्ष ज्योति चन्द्राकर सहित जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधिकारी, कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक कुरूद अजय चन्द्राकर ने कहा कि यह एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक आंदोलन है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में लिंगानुपात को बढ़ाने देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया है।
चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की श्री विष्णु देव साय सरकार की मंशानुरूप महिलाओं के हाथ में कुछ पैसे आ जाएं और यदि महिला अपने घर में आत्मनिर्भरता सम्पूर्ण कर लेती हैं। घर की दैनंदनी के खर्च से बचके ओ कुछ आगे की सेचती है, तो यह महतारी वंदन योजना महिला सशक्तिकरण के लिए प्रभावशाली होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना उन लाखों लोगों के लिए आशा की किरण लाती है, जो समाज के अंतिम छोर पर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि समाज जहां खड़ा हो, समाज से जो जुड़ा हो, शासन-प्रशासन खड़ा हो, मुख्यमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त हो, समाज की उपस्थिति हो, ऐसे कार्यक्रम में उपस्थित होना और भागीदार बनना अपने आप में गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना इसीका उपक्रम है। विधायक चन्द्राकर ने महिला एवं बाल विकास, जिला प्रशासन, नगर पंचायत कुरूद, अनुविभागीय अधिकारी इत्यादि को बधाई दी।
गौरतलब है कि शासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत प्रति जोड़ा 50 हजार रूपये दिया जाता है। इसमें 8 हजार रूपये विवाह आयोजन व्यवस्था एवं परिवहन, 7 हजार रूपये मंगलसूत्र, वर-वधु के कपड़े, श्रृंगार सामग्री चुनरी, साफा, उपहार सामग्री, 35 हजार रूपये वधु को ड्रॉफ्ट/बैंक खाते के माध्यम से भुगतान के लिए दिये जाते हैं।