2003 रामअवतार जग्गी हत्याकांड, याहया ढेबर और फिरोज सिद्धिकी की याचिका पर सोमवार को सुनवाई संभव

Update: 2024-04-11 06:10 GMT

अभय गोयल, आरसी त्रिवेदी की सरेंडर डेट बढ़ाने की याचिका रद्द

रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने कोर्ट में सरेंडर डेट आगे बढ़ाने की याचिका लगाने वाले आरोपी अभय गोयल, आरसी त्रिवेदी की याचिका को रद्द कर दिया है। मामलें में सजा पाने वालों में तीन पुलिस अधिकारी अमरीक सिंह गिल, वीके पांडे और आरसी त्रिवेदी के अलावा याहया ढेबर, अभय गोयल, फिरोज सिद्दीकी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, (मृत) विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर हैं। बुल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। इस केस का फैसला आने के बाद सजा काट रहे दोषियों की तरफ से हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ 22 अपील दायर की थी। इस अपील की सुनवाई लंबी चली, जिसमें हाईकोर्ट ने बहस के बाद 29 फरवरी को रामावतार जग्गी हत्याकांड के दोषियों की अपील पर अंतिम सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था। इस फैसले का आदेश 4 अप्रैल को जारी किया गया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच ने आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। बेंच ने फैसले में कहा है कि सभी दोषियों को एक हफ्ते में ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करना होगा। सेशन कोर्ट में स्पेशल जज एस्ट्रोसिटी बीएल तिडक़े ने सभी दोषियों को सजा सुनाई थी।

हाईकोर्ट ने जग्गी हत्याकांड के आरोपियों की अपील खारिज करते हुए 28 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद वर्मा डिवीजन बेंच ने आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में दो तत्कालीन सीएसपी और एक तत्कालीन थाना प्रभारी के अलावा याहया ढेबर और शूटर चिमन सिंह समेत अन्य शामिल हैं। जग्गी हत्याकांड के आरोपी याहया ढेबर और फिरोज सिद्दीकी ने हाईकोर्ट में अपने-अपने वकीलों के जरिए आवेदन लगाया है जिसमें उन्होंने सरेंडर डेट बढ़ाने की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक इस आवेदन पर सोमवार को सुनवाई होने की पूरी संभावना है। सूत्रों के मुताबिक ये भी जानकारी सामने आ रही है कि सौम्या चौरसिया ने भी अपनी जमानत की अर्जी स्पेशल कोर्ट में लगाई है जिसकी सुनवाई कल हो सकती है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में राकांपा नेता रामावतार जग्गी हत्याकांड के 30 आरोपियों की अपील को ख़ारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद वर्मा डिवीजन बेंच ने उनकी आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। निचली अदालत के फैसले को बरकरार करते हुए आरोपीगणों को अपनी सजा काटने के लिए 7 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करना होगा वरना पुलिस इस मामले से जुड़े सभी आरोपियों को हिरासत में लेगी। हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी समाचार के साथ संग्लन है। इस मामलें की सुनवाई इसी साल फरवरी में 29 तारीख को उच्च न्यायालय में हुई थी जिसका फैसला 4 अप्रैल 2024 को आया है। यह हत्याकांड का मामला कांग्रेस की जोगी सरकार के चला चली के समय साल 2003 का है। जिसमें 31 आरोपी बनाए गए थे।

अवकाश के चलते आरोपियों का सरेंडर टला

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद कोर्ट में सरेंडर करने सभी आरोपी उपस्स्थित हुए थे। जिला न्यायलय में अवकाश के चलते आरोपियो का सरेंडर टल गया। जिला मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को 15 अप्रैल की सुबह 11 बजे उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि जग्गी हत्याकांड में कोर्ट ने 27 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने जग्गी हत्याकांड के आरोपियों की अपील खारिज करते हुए 28 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद वर्मा डिवीजन बेंच ने आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में दो तत्कालीन सीएसपी और एक तत्कालीन थाना प्रभारी के अलावा याहया ढेबर और शूटर चिमन सिंह समेत अन्य शामिल हैं।

जेल में बंद सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर बहस टली

छत्तीसगढ़ में कोल स्कैम मामले में सेंट्रल जेल में बंद निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर बहस टल गई है। अब शुक्रवार 12 अप्रैल को जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। बता दें कि तकनीकी कारणों की वजह से जमानत याचिका पर सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ाया गया है।

जानकारी के मुताबिक, ईडी की स्पेशल कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के बाद पहली बार निचली कोर्ट में जमानत याचिका लगी है। पिछली कांग्रेस सरकार में ताकतवर और प्रभावशाली अफसर रहीं सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में श्वष्ठ ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से लगातार वे सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं। इससे पहले कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने गलत तथ्य पेश करने पर उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। वहीं, बिलासपुर हाईकोर्ट भी चौरसिया की ओर से लगाई गई जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।

जोगी शासनकाल में हुआ था जग्गी हत्याकांड

रामवतार जग्गी हत्याकांड 2003 में अजीत जोगी के शासनकाल में हुआ था। अमित जोगी के उनके कट्टर समर्थक स्वामी भक्ति में रामवतार जग्गी हत्याकांड के स्वरूप में आया था। जिसका एफआईआर स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल के दबाव में मौदहापारा थाने में दर्ज हुआ था, जिसमें 32 आरोपियों के नाम हत्याकांड में सामने आए थे। सभी आरोपियों को 7 -8 साल के उपरांत हाई कोर्ट से ज़मानत अपील के द्वारा मिली थी जो विगत सप्ताह हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फ़ैसले को बरकरार रखते हुए सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी और सभी आरोपियों को एक हफ्ते का समय सजा हेतु सरेंडर करने का दिया था। जिसमें महापौर के सगे बड़े भाई याहया ढेबर सहित 22 आरोपियों को अपनी सजा पूरी करने के लिए वापस जेल जाना था। लेकिन कोर्ट में दो आरोपी अभय गोयल और आरसी त्रिवेदी द्वारा सरेंडर का समय बढञाने आवेदन दिया था। दोनों का आवेदन अदालत ने रद्द कर दिया। अपुष्ट जानकारी के अनुसार याहया ढेबर और अन्य आरोपियों की सरेंडर की तारीख बढ़ाने वाली याचिका भी लगी है। जिसकी सुनवाई 15 या 16 अप्रैल को होने की संभावना है। सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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