गोपालगंज न्यूज़: ताजिकिस्तान में फंसे गोपालगंज व सीवान के चार दर्जन से अधिक कामगार माइनस 40 डिग्री तापमान में भोजन,बिजली व दवा के अभाव में जीने की जद्दोजहद कर रहे हैं. वहां से भेजे गए वीडियो में कामगारों ने बताया कि कड़ाके की ठंड में वे लोग बेहाल हैं.
कंपनी गुहार लगाने पर भी नहीं सुन रही है. कंपनी के अफसर वतन वापस लौटने में भी मदद नहीं कर रहे हैं. घर वापसी की बात करने पर वे आने -जाने में हुए खर्च को जमा कराने व अपने पास से टिकट बुक कराने की बात कह रहे हैं. भारी बर्फवारी के बीच बनाए गए वीडियो में कामगार हैरान व परेशान नजर आ रहे हैं. कह रहे हैं कि पिछले 24 घंटे में उनकी कोई सुधि नहीं ली गई है. घर से लाई गई दवा खत्म हो चुकी है. थोड़ी लकड़ी को जला कर किसी तरह ठंड से बचाव कर रहे हैं. इधर,ताजिकिस्तान में फंसे हुए बेरोजगार यवकों के परिजनों ने वतन वापसी की गुहार विदेश मंत्रालय सहित स्थानीय प्रशासन से लगाई है. परिजनों ने स्थानीय सांसद व विधायक से भी फंसे कामगारों को वापस भारत बुलाने की मांग की है.
ताजिकिस्तान की कंपनी में फंसे हैं चार दर्जन कामगार
गोपालगंज व सीवान के चार दर्जन से अधिक कामगार ताजिकिस्तान की एक कंपनी में फंसे हुए हैं. कंपनी ने कड़ाके की ठंड में इन कामगारों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. ये भूखे प्यासे रह रहे हैं और कई लोग बीमारी से ग्रसित हो गए हैं. ये कामगार ताजिकिस्तान में पोफी के जीडीएम कंपनी में टेक्नीशियन, ड्राइवर व सहायक के रूप में काम करने गए थे. इस वर्ष 2 जनवरी को दिल्ली से सभी युवक रवाना हुए थे. फंसे कामगारों में कुचायकोट प्रखंड के गोपालपुर थाने के ढेबवां गांव के दुर्गेश तिवारी ने बताया कि बीमारी की हालत में कंपनी उन्हें इलाज भी उपलब्ध नहीं करा रही है. सीवान के विजय कुमार व जिले के ढेबवां के दुर्गेश तिवारी ने व्हाट्सएप मैसेज कर बताया है कि अलग-अलग एजेंट के माध्यम से यहां एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च कर काम करने पहुंचे हैं.