खेतों में गेहूं काटने वाली महिलाएं बिहार में रोजगार को एक बड़ा मुद्दा माना
महिलाओं का छलका दर्द, रोजगार मिल जाता तो परदेस नहीं जाते पति
मधुबनी: लोकसभा चुनाव को लेकर किसानों में उत्साह है. किसान सम्मान निधि, मुफ्त अनाज मिलने से खुश दिखे. खेतों में गेहूं काटने वाली महिलाएं बिहार में रोजगार को एक मुद्दा मानती हैं.
दोपहर 2 बजे तपती धूप में इन तो उनके पति बाहर जाकर मजदूरी नहीं करते. वहीं दूसरी महिला रेखा देवी कहती है सरकार तो मुफ्त अनाज दे रही है मगर बिचौलियागिरी खत्म नहीं हुई. पूरा अनाज आने नहीं देते. निचले स्तर पर भ्रष्टाचार भी एक मुद्दा है.
वही खड़े समृद्ध किसान बैद्यनाथ मंडल ने बताया वर्तमान सांसद उनके संबंधी है, फिर भी 5 साल में कभी दिखे नहीं. यही आक्रोश शिवशंकर झा का भी था. वे कहते हैं कि वोट तो जरूर डालेंगे मगर किसे डालेंगे यह आने वाला समय तय करेगा. फिर कहते है जो जीतने के बाद हमें देखने आएगा उसी को मतदान करेंगे.
दीप गांव में एक दालान पर 88 वर्ष के बुजुर्ग रतन मंडल के साथ पांच सात लोग बैठे हुए चुनावी चर्चा कर रहे थे. उन्होंने बात करते हुए कहा वोट किसे देंगे यह तो नहीं बताएंगे. लेकिन मतदान अवश्य करेंगे. बगल में बैठे सुशील मंडल ने बताया कि हमें अनाज मिल रहा है. पेंशन मिल रही है. किसान सम्मान निधि मिल रहा है. शिवकुमार मंडल ने कहा कि हम राष्ट्रहित में मतदान करेंगे. दिगंबर मंडल ने कहा कि किसे वोट देंगे मुद्दा यह नहीं है. अब मुद्दा यह है कि हमसे कोई इस बार भी वोट मांगने आएगा या नहीं. बगल में चर्चा को गंभीर रूप से देख रहे युवा वोटर अमरेंद्र मंडल ने बताया कि कोई आए या ना आए मतदान तो करना ही है.
रोजगार एक मुद्दा है. उम्मीद करते हैं केंद्र में मजबूत सरकार बनेगी तो यह भी दूर होगा. आगे बढ़ने पर कचहरी टोल समेत दीप दुर्गा स्थान के समीप पंडित यदुवीर झा, वासुदेव सदाय व प्रकाश झा एक साथ बैठे दिखे. चुनावी मुद्दे की चर्चा होते ही बताया की खुद को बचाने वाली सरकार कुछ नहीं करती. मजबूत सरकार काम करती है. बिहार को विकसित करना है. बिहार को विकसित देखने के लिए हम लोग स्थानीय प्रत्याशी को नहीं देख रहे, सरकार की मजबूती पर वोटिंग करेंगे.