बिहार में बागेश्वर बाबा पर क्यों मचा सियासी बवाल
क्या जातिगत समीकरण पर भारी पड़ रही धर्म की राजनीति?
Bageshwar Baba: बागेश्वर बाबा जिन मुद्दों को उठा रहे हैं, उनसे नीतीश-तेजस्वी और विपक्ष की इस राजनीति को नुकसान पहुंच सकता है। यही कारण है कि महागठबंधन के नेता इसका पुरजोर विरोध करते देखे जा रहे हैं। तेज प्रताप यादव तो अपनी सेना के सहारे बाबा को 'ठीक' करने और उन पर केस दर्ज कराने की चेतावनी तक दे चुके हैं...
बागेश्वर बाबा (Baba Bageshwar) के पटना दरबार में प्रतिदिन आठ से दस लाख लोगों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है।
पंडाल से चारों ओर दूर-दूर तक फैला जनसैलाब किसी भी राजनीतिक दल की नींद खराब करने के लिए पर्याप्त है, जो अपनी सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए महीनों कड़ी मेहनत करते हैं और पैसा खर्च करते हैं। इसके बाद भी कोई राजनीतिक दल इस तरह की जनसभा एकत्र करने में असफल ही रहता है। कहा जा रहा है कि बाबा अपनी जनसभाओं में हिंदू एकता और हिंदू राष्ट्र के जिन मुद्दों को उठाते हैं, उससे नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की जातिगत समीकरणों पर टिकी राजनीति को खतरा हो सकता है। पटना दरबार पर राजनीतिक विवाद होने के बीच मुजफ्फरपुर में बाबा का एक और दरबार लगाने की तैयारी भी शुरू हो गई है।