लोकसभा चुनाव में मतदान से वंचित रह जाएंगे हजारों कामगार

कई लोगों को चुनाव की तारीखों का पता भी नहीं

Update: 2024-04-26 08:57 GMT

पटना: लोकसभा चुनाव की तिथि करीब आते ही चुनावी सरगर्मी भी तेज हो रही है. प्रत्याशी वोटरों को लुभाने और निर्वाचन आयोग मतदान प्रतिशत बढ़ाने की जी-तोड़ कोशिशों में लगा है. इधर, बिहार के हजारों कामगार. रोज ट्रेनों में भर-भर कर दूसरे शहर जा रहे हैं. इनमें कई लोगों को चुनाव की तारीखों का पता भी नहीं है. ये चुनावी समीकरण समझ रहे हैं कि किसे वोट देना चाहिए. पर रोजी-रोटी के लिए पलायन की विवशता ऐसी है कि वे मतदाता नहीं, बल्कि ट्रेनों के जनरल डब्बे की केवल भीड़ बनकर रह गए हैं. इनमें 70 प्रतिशत को मतदान में दिलचस्पी तो है पर रोटी-रोजगार के फेरे में वे बेबस हैं. एक आंकड़े के मुताबकि, एक हफ्ते में करीब 30 हजार कामगार पटना से दूसरे शहर जा चुके हैं. कामगारों ने बताया कि दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी व सीवान से भी कामगार बाहर जा रहे हैं जिनके चुनाव में लौटने की उम्मीद कम है. कुछ मजदूर सोन के किनारे बसे गांवों टोलों के भी मिले.

जनसाधारण के कोच में सफर कर रहे कामगारों में अधिकतर पूर्णिया, खगड़िया, मानसी, मधेपुरा, कटिहार व किशनगंज के थे. इनमें कई युवाओं ने कहा कि उन्होंने आजतक वोट ही नहीं किया. अक्सर वे अपने काम पर रहते हैं. कोई भटिंडा की मंडी में जा रहा है तो कोई फरीदाबाद में. कोई गेहूं के लदान के काम से जुड़ा है तो कोई बैग बनाने की फैक्ट्री से. इसी से घर परिवार चलता है. होली में आए थे अब कितना दिन बैठे रहें. पूर्णिया के प्रेम कुमार पासवान ने बताया कि वे अभी काम पर जा रहे हैं. कोशिश है कि चुनाव के दौरान लौट जाएं लेकिन आने और जाने में लगभग 3 हजार रुपये का किराया लगता है. जब उन्हें पूर्णिया में चुनाव की तारीख 26 की याद दिलाई गई तो कहा कि तब कहां से आ पाएंगे सर. लेकिन घर पर बता दिए हैं कि वोट किसको करना है.

Tags:    

Similar News