कैदी ने पत्नी से कहासुनी के बाद कोर्ट हाजत में खुद को लगाई आग, जांच का विषय- माचिस कहां से लाया?

बिहार के मोतिहारी कोर्ट परिसर में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब पेशी में आए एक बंदी ने खुद को आग के हवाले कर दिया।

Update: 2022-08-21 03:52 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार के मोतिहारी कोर्ट परिसर में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब पेशी में आए एक बंदी ने खुद को आग के हवाले कर दिया। कैदी ने शनिवार को हाजत के शौचालय में जाकर खुद को आग लगा लिया। अन्य कैदियों के सहयोग से उसे जलने से बचा लिया गया। कैदी देवेन्द्र ठाकुर कुंडवाचैनपुर थाना क्षेत्र के खरूआ चैनपुर का निवासी है। गांव में हुई मारपीट के एक मामले में वह पिछले दो माह से जेल में बंद है। बेल नहीं होने से नाराज होकर देवेंद्र ठाकुर ने यह आत्मघाती कदम उठाया।

पत्नी को दी थी आत्महत्या की धमकी

जानकारी के अनुसार पुलिस उसे एसीजेएम-4 के न्यायालय में पेशी के लिए ले गयी थी। पेशी के बाद जब उसे हाजत में लाया जा रहा था तो रास्ते में उसने अपनी पत्नी से बोला कि जल्द बेल करा दें, नहीं तो आत्महत्या कर लूंगा। पत्नी ने उसे पंद्रह सौ रुपये दिये जो उसने झिड़ककर फेंक दिया। उसके बाद वह हाजत में घुसते शौचालय में चला गया। वहां गमछा में आग लगाकर उसे अपने मुंह में रख किवाड़ खोलकर बाहर निकला। अन्य कैदी यह देख दौड़े और आग बुझाने लगे। इस दौरान तरुण मिश्रा व एक अन्य कैदी मामूली रूप से झुलस गया। इसकी सूचना तुरंत न्यायालय को भी दी गयी।

एसडीओ ने क्या कहा?

सूचना पर एसडीओ इफ्तेखार अहमद, डीएसपी राजेश कुमार व थानाध्यक्ष अभय कुमार न्यायालय में पहुंचे। एसडीओ ने अनुमंडलीय अस्पताल से मेडिकल टीम बुलाकर उसका इलाज करवाया। कैदी देवेन्द्र ठाकुर ने एसडीओ को बताया कि उसे झूठे केस में फंसाया गया है। वह कई महीनों से बवासीर से पीड़ित है। इलाज के लिए जेल प्रशासन को कई बार कहा गया, लेकिन सिर्फ दवा दी गई। इससे वह परेशान है।

एसडीओ ने बताया कि हाजत में रखने के दौरान कैदी ने माचिस से गमछा को जलाया है। कोई खास जख्म नहीं है। मेडिकल टीम ने भी इलाज के बाद स्थिति खतरे से बाहर बताई है। कैदी ने बताया है कि उसे इलाज की दरकार है। उसके इलाज के लिए जेल अधीक्षक से संपर्क किया जाएगा।

सवाल, कहां से आया माचिस

कैदी के पास माचिस आया कहां से घटना के बाद यह सवाल खड़ा हो रहा है कि कैदी के पास आखिर माचिस कहां से आया? क्या मोतिहारी कारा से पेशी के लिए न्यायालय में आने के समय कैदी की जांच नहीं की गयी थी या फिर रास्ते में कैदी को माचिस उपलब्ध हुई। इसके पूर्व भी 16 जूलाई 2018 को अनुमंडल कार्यालय के गेट पर अभिषेक झा की गोली मारकर हत्या की जांच के क्रम में भी यह बात सामने आयी थी कि अभिषेक झा अपने साथ मिर्च पाउडर लेकर आया था। उसने पुलिस से अपने को छुड़ाने के क्रम में पुलिस की आंख में मिर्च पाउडर झोंका था।

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