वरिष्ठ साहित्यकार कविवर रामेश्वर प्रशांत का पांचवाँ स्मृति दिवस गढ़हरा में मनाया गया
बेगूसराय Begusarai: जनवादी लेखक संघ, बेगूसराय Begusarai और 'गढ़हरा दर्पण' परिवार के संयुक्त तत्त्वावधान में जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार कविवर रामेश्वर प्रशांत का पांचवाँ स्मृति दिवस गढ़हरा में मनाया गया। इसकी अध्यक्षता जलेस के राज्य परिषद सदस्य और जनकवि दीनानाथ सुमित्र ने की जबकि जिला सचिव राजेश कुमार ने संचालन किया। उक्त अवसर पर जनवादी लेखक संघ बिहार के राज्य सचिव कुमार विनीताभ ने कहा कि रामेश्वर प्रशांत साठोत्तरी पीढ़ी के महत्वपूर्ण कवियों में शुमार हैं।भारत के क्रांतिकारी जनवादी कायाकल्प के लिए उनकी प्रतिबद्धता अटूट और अडिग रही है। युवा आलोचक प्रवीण प्रियदर्शी ने कहा कि रामेश्वर प्रशांत साहित्य-साधक तथा जनसंघर्षों के संवाहक थे। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में दीनानाथ सुमित्र ने कहा कि रामेश्वर प्रशांत जनपक्षधर कवि थे। उनकी काव्य-यात्रा एक ऐसे प्रतिबद्ध कवि की काव्य-यात्रा है, जहाँ कोई विचलन नहीं है, न प्रगतिकामी जनचेतना से और न ही कविता होने की शर्त से। कई कविताओं और गजलों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा किकी कवि-दृष्टि अत्यन्त सूक्ष्म और गहरी है। प्रशांत जी Begusarai
मैथिली- हिन्दी के युवा कवि श्याम नंदन निशाकर, कवि संजीव फिरोज, मिथिलेश कान्ति समेत अन्य ने काव्यांजलि दी जबकि बीहट नगर परिषद Bihat Municipal Council के पूर्व उप मुख्य पार्षद धर्मेन्द्र कुमार सिंह, बेगूसराय के पूर्व उप प्रमुख सूर्य नारायण रजक, पूर्व सरपंच राजन कुमार चौधरी, को आपरेटिव कालेज बेगूसराय से अवकाशप्राप्त कर्मचारी विजय कुमार राय, कर्मचारी नेता रामानंद सागर, सामाजिक कार्यकर्ता मुक्तेश्वर वर्मा, दानिश महबूब, चन्द्रदेव राय, महेन्द्र चौधरी, प्रेम कुमार पिन्टू, अधिवक्ता अशोक ठाकुर, प्रधानाध्यापक चन्द्र कुमार, प्रकृति कुमार अनुज, शिक्षक रणजीत कुमार सिंह, राजेश कुमार समेत कई अन्य ने अपने भावोद्गार व्यक्त किये। इस मौके पर प्रधानाध्यापक योगेन्द्र सहनी, रणजीत कुमार दास, शीतांशु भास्कर, हिमांशु भास्कर, कुन्दन कुमार, मनोज कुमार, सुमित कुमार, चन्द्र भूषण राय, सुमति देवी, मंजुलता सूक्ति देवी समेत कई साहित्यप्रेमी मौजूद थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में उपस्थित साहित्यकारों ने कविवर रामेश्वर प्रशांत के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित किया।