Banka: पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल शराब के नशे में कॉलेज पहुंचे
सूचना मिलते ही पुलिस ने प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया
बांका: बिहार के बांका राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल शराब के नशे में कॉलेज पहुंचे थे. इसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दे दी. सूचना मिलते ही पुलिस ने प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया. मेडिकल जांच में खुलासा हुआ कि प्रिंसिपल काफी मात्रा में शराब पी थी.
हंगामा कर रहे थे पिंसिपल: मामला जिले के नवादा बाजार सहायक थाना क्षेत्र का है. पुलिस ने यह कार्रवाई रविवार को की. इसकी जानकारी देते हुए नवादा बाजार सहायक थानाध्यक्ष पंकज किशोर ने बताया कि डायल 112 पर किसी ने कॉल कर सूचना दी थी. बताया कि कॉलेज प्राचार्य शराब के नशे में हंगामा कर रहे हैं.
"प्राचार्य को हिरासत में लिया गया है. रजौन सीएचसी में जांच कराई गई. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शाहनवाज आलम ने शराब पीने की पुष्टि की. ब्रेथ एनालाइजर जांच में 900 एमजी से अधिक शराब की मात्रा पाई गई." - पंकज किशोर, थानाध्यक्ष, नवादा बाजार सहायक थाना
किसी ने कर दी शिकायत: कॉलेज प्राचार्य की गिरफ्तारी से शिक्षकों, छात्रों और इलाके में सनसनी फैल गई. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शिक्षा के मंदिर में ऐसी घटना से लोग हैरान हैं. चर्चा है कि प्राचार्य अक्सर शराब पीकर कॉलेज में हंगामा करते थे. आखिरकार किसी ने तंग आकर डायल 112 पर सूचना दे ही.
क्या है कानून: बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. ऐसे में राज्य के अंदर शराब निर्माण, बेचना और पीना अपराध है. अगर ऐसे कार्य में कोई पकड़ा जाता है तो उसपर बिहार उत्पाद और मद्य निषेध अधिनियम 2016 के तहत कार्रवाई जाएगी. इस कानून में साल 2021 और 2022 में संसोधन किया गया ताकि इसे और सख्ती से लागू किया जा सके.
कानून में संसोधन: बिहार में शराबबंदी कानून में संशोधन 2021 और 2022 में किए गए थे, ताकि शराब कानून को सख्त किया जा सके और इसे पूरी तरह से प्रभावी बनाया जा सके. इन संशोधनों का उद्देश्य शराब की बिक्री, वितरण और सेवन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को सुनिश्चित करना था.
चलेगा आपराधिक मुकदमा: बिहार में पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर सिर्फ जुमार्ना कर छोड़ने का प्रावधान है. दूसरी बार पकड़े जाने पर जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान है. इसमें आजीवन सजा का भी प्रावधान है. आरोपी पर आपराधिक मुकदमा भी चलेगा.