पटना Patna :बिहटा एयरपोर्ट से आसमानी उड़ान की ख्वाहिश पर जमीन का ग्रहण लगा हुआ है। पटना, गया एवं दरभंगा के बाद बिहार में हवाई सेवाओं के लिए चौथे Airports हवाई अड्डे के रूप में बिहटा एयरपोर्ट की परियोजना बनी थी। आलम यह है कि जिस परियोजना को 2022 में ही पूरा करने का लक्ष्य था, वहां अब तक एक ईंट भी जोड़ी नहीं जा सकी है। निर्माण के पीछे आठ एकड़ जमीन का पेच फंसा हुआ है। पटना जिला प्रशासन का कहना है कि जमीनकी प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही भूमि दे दी जाएगी। दूसरी ओर, एयरपोर्ट प्रशासन का कहना है कि बिना जमीन के निर्माण कैसे होगा। निर्माण में देरी की वजह से 800 करोड़ की यह परियोजना अब 1453 करोड़ की हो गई है। दरअसल, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया पटना जिला प्रशासन से इस आठ एकड़ जमीन के भौतिक रूप से हस्तांतरण के इंतजार में है। ऐसे में न तो अब तक निर्माण से संबंधित टेंडर जारी हुआ है न ही एयरपोर्ट के निर्माण का काम अब तक शुरू हुआ है। अधिग्रहण
एयरपोर्ट निर्माण के लिए जमीन जरूरी निदेशक इस मामले में पटना स्थित लोकनायक jaiprakash narayanजयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के निदेशक अंचल प्रकाश ने कहा कि एयरपोर्ट प्रशासन ने आर्किटेक्चर के लिए कसल्टेंसी का चयन कर लिया है। टेंडर की प्रक्रिया अभी नहीं हुई है। टर्मिनल भवन एवं अन्य निर्माण के लिए आठ एकड़ जमीन मांगी गई थी जो अभी जमीन एएआई को नहीं मिल सकी है। टर्मिनल भवन के निर्माण से जुड़ा टेंडर एएआई की ओर से केंद्रीय स्तर पर किया जाना है। 108 एकड़ जमीन पूर्व में दे चुकी है बिहार सरकार पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि बिहटा में एयरपोर्ट के निर्माण और विस्तारीकरण के लिए पूर्व में ही 108 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर एयरपोर्ट प्रशासन को दी जा चुकी है। 18 एकड़ में स्टेट हैंगर के निर्माण के लिए भी जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। इसके अतिरिक्त आठ एकड़ जमीन की मांग की गई थी। जमीन अधिग्रहण का काम जारी है। इसे जल्द ही एएआई को सौंपा जाएगा। जमीन की वजह से निर्माण का काम नहीं रुका हुआ है।