पटना के पीएफआई दफ्तर में आतंक की फैक्ट्री का भंडाफोड़, दक्षिण भारत के ट्रेनर दे रहे थे युवाओं को आतंकी बनने की ट्रेनिंग

बिहार की राजधानी पटना में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडियाके दफ्तर में आतंकी ट्रेनिंग का खुलासा हुआ है।

Update: 2022-07-14 04:53 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार की राजधानी पटना में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दफ्तर में आतंकी ट्रेनिंग का खुलासा हुआ है। बिहार में देश विरोधी एजेंडे को हवा देने का जिम्मा केरल और दक्षिण भारत के हार्डकोरों ने संभाल रखा था। पटना पुलिस की छापेमारी और विभिन्न जांच एवं खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। फुलवारीशरीफ के नया टोला स्थित पीएफआई के कार्यालय में 6 और 7 जुलाई को हथियार चलाने और धार्मिक उन्माद फैलाने की ट्रेनिंग देने के लिए केरल से पीएफआई के कई सदस्य बतौर ट्रेनर पहुंचे थे।

सूत्रों के मुताबिक केरल से आए पीएफआई के सदस्यों ने ही युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग दी। मगर उससे पहले भी यहां दक्षिण भारत के दो राज्यों से पीएफआई के सदस्यों का आना-जाना लगा था। केरल के अलावा दक्षिणी कर्नाटक और हैदराबाद से भी कई पीएफआई सदस्य यहां पहुंचे थे। युवकों को हिंसा करने की भी ट्रेनिंग दी जाती थी। बैठकों में जो शामिल होते थे, उन्हें कैसे अपने इलाके के दूसरे लोगों को जोड़ना है ,यह भी बताया जाता था।
बैठक का मकसद ही देश विरोधी रणनीति पर केंद्रित होता था। पुलिस के साथ ही केन्द्रीय जांच एजेंसियां और एटीएस अब पीएफआई के उन सदस्यों का पता लगाने में जुटी है जो ट्रेनिंग के लिए यहां पहुंचते थे। साथ ही वैसे लोगों की भी पहचान की जा रही है, जो इसमें शामिल रहते थे।
फर्जी नाम-पते से आते थे ट्रेनर
पुलिस जांच में सामने आया है कि पीएफआई की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग देने के लिए दक्षिण भारत से आने वाले ट्रेनर अपनी पहचान छुपाकर बिहार पहुंचते थे। वे फर्जी नाम से फ्लाइट का टिकट बुक कराते और फर्जी पते वाली आईडी से पटना के होटलों में ठहरते थे। पुलिस ने पीएफआई की बैठकों में शामिल होने वाले दो दर्जन से ज्यादा लोगों की पहचान की है। बताया जा रहा है कि इनकी संख्या 100 से ज्यादा जा सकती है।
गिरफ्तार संदिग्ध सिमी का सदस्य रहा
पुलिस छापेमारी में गिरफ्तार अतहर परवेज प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का सक्रिय सदस्य रह चुका है। वह सिमी के आतंकियों की जमानत भी करवाता था। अतहर का भाई मंजर परवेज 2001 में बम ब्लास्ट के केस में जेल जा चुका ही। वह खुद भी एक केस में आरोपी है और अभी जमानत पर है। वह आतंकी गतिविधियों के लिए बड़े पैमाने पर फंड इकट्ठा कर रहा था। पुलिस के मुताबिक उसके पास कई बार लाखों रुपये की राशि पहुंची। ईडी भी इस मामले की जांच कर सकती है।
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