तेजप्रताप ने शुरू की जनशक्ति यात्रा, दलित के घर खाया खाना, कहा-जारी रहेगी मेहनतकशों की लड़ाई

तेजप्रताप यादव जनशक्ति यात्रा पर है. उन्होंने 1 मई मजदूर दिवस के दिन जनशक्ति यात्रा की शुरुआत की है.

Update: 2022-05-02 06:19 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तेजप्रताप यादव (Tejpratap Yadav) जनशक्ति यात्रा पर है. उन्होंने 1 मई मजदूर दिवस के दिन जनशक्ति यात्रा की शुरुआत की है. तेजप्रताप ने अपनी इस यात्रा का स्लोगन दिया है. लड़ेंगे हम जीतेंगे हम. अपनी यह यात्रा उन्होंने पटना के कराई गांव से शुरू की. इस दौरान उन्होंने किसानों को सम्मानित किया. लालू के बड़े लाल ने बिहटा स्थित मखदुमपुर दलित बस्ती पहुंचकर गरीबों के बीच कपड़े बांटे और उनका हाल-चाल जाना इसके बाद एक दलित के यहां उन्होंने नमक मिर्च और रोटी खाई. तेजप्रताप ने इस यात्रा को जनशक्ति परिषद (Janshakti Parishad) के बैनर तले निकाला है. इस यात्रा में उन्हें आरजेडी का साथ नहीं मिल रहा है.

तेजप्रताप ने अपनी यात्रा के बारे में ट्वीट किया -मजदूर दिवस के शुभ अवसर पर पटना जिला स्थित कराई गांव में जनशक्ति परिषद द्वारा आयोजित जनसभा में भाग लेकर जनशक्ति यात्रा का शुभारंभ किया. मेहनतकशों की लड़ाई जारी रहेगी जनसभा में किसानों को सम्मानित किया.
यात्रा से जनाधार बनाने की कोशिश
तेजप्रताप ने दलित बस्ती मे लोगों के वबीच कपड़े बांटे और लोगों का दुख-दर्द जानने की कोशिश की. इसके साथ ही तेजप्रताप ने केंद्र की दलितों-मजदूरों से जुड़ी योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि दलितों के घरों में अभी भी गैस चूल्हा नहीं पहुंचा है. गरीबी भी चरम पर है. तेजप्रताप का यह जनशक्ति यात्रा जारी रहेगा. इस यात्रा के दौरान वह हर जाति-धर्म के किसानों और मजदूरों से जुड़ेंगे, वे दलित बस्तियों का दौरा कर वहां बाबा साहब अंबेडकर की छोटी-छोटी मूर्तियां भेंट करेंगे. यात्रा के दौरान वे किसानों के साथ सत्तू भी खाएंगे .
यात्रा से आरजेडी पर दबाव बनाने की कोशिश
दरअसल तेजप्रताप यादव कार्यकर्ता की कथित पिटाई कांड के बाद घिर गए हैं. आरजेडी के कार्यकर्ता रामराज यादव ने उनपर कमरे में बंद करके पिटाई करने का आरोप लगाया है. जिसके बाद आरजेडी पर तेजप्रताय दाव पर कार्रवाई करने का दबाव है. अगर आरजेडी उनपर कार्रवाई नहीं करती है कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जा सकता है. इसके बाद तेजप्रताप यादव दवाब में है, उन्होंने लालू प्रसाद से मिलकर इस्तीफा देने की धमकी दी थी. लेकिन उनके इस्तीफे पर आरजेडी तो दूर लालू परिवार के किसी सदस्य ने दो शब्द खर्च नहीं किया. इस्तीफे की धमकी का असर नहीं पड़ने के बाद तेजप्रताप यादव ने अब यात्रा के जरिए पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश की है.
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