बहगा। बिहार के बहगा में बच्चे की मौत के बाद तीन दिनों तक द्वारा झाड़-फूंक कर उसे जिंदा करने का दावा करने वाले तांत्रिक को लोगों ने बंधक बना लिया। बच्चा चमकी बुखार से पीड़ित था और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। तांत्रिक ने बच्चे को जिंदा करने का दावा किया। बच्चे के परिजन तांत्रिक के झांसे में आ गए। तीन दिनों तक तांत्रिक झाड़ फूंक के नाम पर परिजनों से हजारों रुपये ऐंठ लिया। यह घटना बगहा प्रखंड के दो नरवल बरवल पंचायत के पोखरभिंडा का है। सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची। इस बीच गुस्साए लोगों की पुलिस से झड़प हो गई। हालांकि पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया।
जानकारी के अनुसार पटखौली ओपी के पोखरभिंडा गांव में श्याम सुंदर यादव का पोता कुछ दिनों से चमकी बुखार से पीड़ित था। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। इस दौरान एक तांत्रिक ने दावा किया कि वो बच्चे को फिर से जीवित कर देंगे। परिजन तांत्रिक के बहकावे में आ गए। परिजनों का आरोप है कि तीन दिनों तक तांत्रिक ने तंत्र-मंत्र के नाम पर हजारों रुपये ले लिए। इस बीच तांत्रिक ने गांव की कई महिलाओं पर डायन बिसाही का आरोप लगाते हुए बच्चे को मारने की बात की। तीन दिनों के बाद परिजनों के सब्र का बांध टूट गया और सोमवार को लोगों ने तांत्रिक को बंधक बना लिया।
सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने तांत्रिक को हिरासत में ले लिया। इस बीच पुलिस व ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। लोग तांत्रिक से ठगी का रुपया वापस लौटाने की मांग को लेकर पुलिस से उलझ गए। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया, तब जाकर हंगामा शांत हुआ। पटखौली ओपी प्रभारी लालबाबू यादव पोखरभिंडा गांव में मृत बच्चे के परिजनों से बयान लेने के साथ आगे की कार्रवाई में जुटे हैं।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस वैज्ञानिक युग में लोग आखिर अंधविश्वास के मकड़जाल में कैसे फंस गए और जब तांत्रिक कई दिनों तक झाड़फूंक कर रहा था तो पुलिस को इसकी ख़बर क्यों नहीं हुई? बहरहाल तांत्रिक अब पुलिस हिरासत में है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। पटखौली ओपी प्रभारी लालबाबू यादव ने बताया कि पीड़ित परिवार के आवेदन पर पर मामला दर्ज कर दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।