Katihar: मनसाही के पिंडा में घटित गोली कांड की जांच केंद्रीय टीम ने की
‘पुलिस चाहती तो पिंडा की घटना रुक सकती थी’
कटिहार: भाकपा माले आदिवासी संयुक्त मोर्चा की संयुक्त टीम के अध्यक्ष सह पश्चिम चंपारण के सिकटा विधायक विरेंद्र गुप्ता ने कहा कि मनसाही के पिंडा में घटित गोली कांड की जांच केंद्रीय टीम ने की है. जांच में यह बात सामने आयी कि तथाकथित लोगों ने सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया है. मामला जमीन से संबंधित है. भाजपा राज्य में गरीबों को भूमि बेदखली अभियान चल रहा है. घटना के पूर्व थाना के पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. पर पुलिस मूकदर्शक बनी रही. बदमाशों को थाना द्वारा संरक्षण देकर थाना चार घंटे से घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर थे. सीओ और पुलिस दोनों थाना में लगने वाली जनता दरबार में बताया गया कि जमीन पर जब जायेगा तो महेंद्र और रघुनाथ उरांव जायेंगे. बदमाशों को पुलिस ने संरक्षण देकर घटना को अंजाम दिलाया है. थाना द्वारा बदमाशों को संरक्षण दिया गया. भाकपा मामले के पूर्व विधायक सह केंद्रीय कमिटी के सदस्य मनोज मंजिल ने कहा कि गोविंद सिंह का बजरंग दल से जुड़ा है. जमीन के सामने ही रेलवे गुमटी के समीप पुलिस तीन घंटे से मौजूद थी. पुलिस केवल मुकदर्शक बनी रहती है. पुलिस यदि चाहती तो घटना पर नियंत्रित किया जा सकता था.
विधायकों की टीम ने की घटना की जांच: पिंडा गोली कांड की घटना को लेकर भाकपा माले की एक जांच टीम की सुबह पिंडा गांव पहुंची और घटना की जानकारी ली. इस दौरान टीम ने ग्रामीणों से पूछताछ करते हुए उनका बयान लिया और मृतक एवं घायलों के परिजनों से मिलकर हर संभव मदद करने की बात कही. जांच टीम में बलरामपुर के विधायक महबूब आलम, सिकटा विधायक के विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, पूर्व विधायक मनोज मंजिल, आदिवासी संघर्ष मोर्चा के शंकर उरांव नंदकिशोर महतो आदि शामिल थे. सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि आदिवासियों की शहादत बेकार नहीं जाएगी जो जमीन बटाईदार की है वह उसे मिलकर रहेगी. आदिवासी संघर्ष मोर्चा चम्पारण के संयोजक शंकर उरांव, सह संयोजक नंदकिशोर महतो, समेत सैकड़ों लोग थे.