Muzaffarpur: फार्मा में उद्यमशीलता अपनाने के लिए प्रेरित किया जायेगा

"छात्रों को फार्मा उद्योग में उद्यमशीलता को अपनाने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया गया"

Update: 2025-01-17 08:25 GMT

मुजफ्फरपुर: एमआईटी कॉलेज के फार्मेसी विभाग की ओर से फार्मेसी प्रैक्टिस और फार्माकोलॉजिकल रिसर्च : वर्तमान और भविष्य की दृष्टि विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी हुई. इसका उद्देश्य फार्मेसी क्षेत्र में हो रहे नवीनतम शोध और विकास की जानकारी प्रदान करना था. इस दौरान छात्रों को फार्मा उद्योग में उद्यमशीलता को अपनाने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया गया.

उद्घाटन करते हुए एमआईटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एमके झा ने कहा कि फार्मेसी क्षेत्र में प्रगति को समझने और छात्रों को नवीनतम शोध और प्रथाओं से अवगत कराने के लिए इस तरह के आयोजन महत्वपूर्ण हैं. डॉ. नितेश कुमार, सहायक प्रोफेसर, फार्माकोलॉजी और टॉक्सिकोलॉजी, एनआईपीईआर हाजीपुर ने तकनीकों और अनुसंधान पर विचार साझा किए. उन्होंने इन विट्रो और इन विवो मॉडल्स के उपयोग व फार्माकोलॉजिकल रिसर्च में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला.

डॉ. कृष्णा मूर्ति ने प्रैक्टिस के नैतिक पहलू और मरीज-केंद्रित दृष्टिकोण पर चर्चा की. उन्होंने फार्मासिस्ट की भूमिका को परामर्श और मरीजों की देखभाल तक विस्तारित करने पर जोर दिया. डॉ. अजीत कुमार ठाकुर ने ड्रग डिस्कवरी और विकास में फार्माकोलॉजी की भूमिका पर व्याख्यान दिया. उन्होंने नई दवाओं के प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल परीक्षण की विधियों पर चर्चा की. डॉ. संजीव सिंह ने जहरीले पदार्थों के प्रभाव और उनके उपचार पर अपनी प्रस्तुति दी.

उन्होंने विष विज्ञान में आधुनिक तकनीकों का उपयोग और उनकी प्रभावशीलता पर चर्चा की. राजीव रंजन ने फार्मा उद्योग में करियर के विभिन्न अवसरों पर प्रकाश डाला. इसके साथ ही प्रो. मनीष कुमार भारती, प्रो. रवि कुमार, प्रो. राहुल पंकज, प्रो. अमरेंद्र कुमार, प्रो. मनीषा कुमारी ने अपनी सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रम को सफल बनाया. संगोष्ठी का समापन और धन्यवाद प्रो. राहुल ऐन ने किया.

वीसी ने देखी विद्यार्थियों की बनाई चित्र और मूर्तिकला

बीआरए बिहार विवि में ईस्ट जोन युवा-महोत्सव में भाग लेने के लिए चयनित प्रतिभागियों का विगत 25 दिनों से चला रहा प्रशिक्षण शिविर समाप्त हो गया. इस दौरान कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र राय ने विवि ऑडिटोरियम में चल रहे प्रशिक्षण का निरीक्षण किया.

उन्होंने संगीत और नृत्य के प्रतिभागियों की प्रस्तुति देखकर काफी सराहना की और सभी प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन किया. वीसी ने इस दौरान ललित कला के प्रतिभागियों द्वारा विगत दिनों बनाई गई चित्रकला, कोलाज, कार्टूनिंग, इंस्टालेशन, पोस्टर, मूर्तिकला आदि देखकर प्रसन्नता जाहिर की. मौके पर प्रो. रजनीश गुप्ता, डॉ. पयोली, डॉ. अनुराधा पाठक, डॉ. रमेश कुमार विश्वकर्मा और अजय कुमार थे.

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