बिहार: एक बार फिर से बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कांग्रेस को पिछड़ा विरोधी बताया है और राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा है कि वह ओबीसी वर्ग के लोगों के लिए सिर्फ घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1980 में आरक्षण लागू होता तो केंद्र में ओबीसी के 3 नहीं, 30 अधिकारी होते. सुशील मोदी ने कहा कि 1955 में कांग्रेस ने कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को खारिज किया था. मोरारजी सरकार ने मंडल आयोग बनाया गया था और इसे वीपी सिंह ने लागू किया था और दोनों सरकारों को था बीजेपी का समर्थन. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मंडल- विरोधी रही है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि कांग्रेस ने 1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की होती या 1989 में इसके लागू होने का विरोध नहीं किया होता, तो आज केंद्र सरकार में पिछड़े वर्ग के सिर्फ तीन नहीं, 30 से ज्यादा अधिकारी होते. सुशील मोदी ने कहा कि राहुल गाँधी प्रशासन में ओबीसी अधिकारियों की कमी के लिए घड़ियाली आँसू बहा रहे हैं, जबकि यह जख्म खुद उनकी पार्टी और परिवार ने दिये हैं. यह सब इंदिरा गांधी और राजीव गाँधी की राजनीतिक गलती का परिणाम है.
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 1955में गठित पहले पिछड़ा वर्ग आयोग (कालेलकर कमीशन) की रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाल दिया और अगले 15साल तक दूसरा आयोग भी नहीं बनाया. सुशील मोदी ने कहा कि 1977में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर जब मोरारजी देसाई की सरकार बनी, तब मंडल आयोग का गठन हुआ. उस सरकार में अटलबिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी शामिल थे.
उन्होंने कहा कि 1989में जब वीपी सिंह की सरकार ने मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की, तब उसे भाजपा का समर्थन प्राप्त था. सुशील मोदी ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी माँ सोनिया गाँधी से पूछना चाहिए कि राजीव गांधी ने मंडल आयोग का विरोध क्यों किया था? उन्होंने कहा कि कांग्रेस का चरित्र हमेशा पिछड़ा विरोधी रहा. इसकी सजा कई पीढ़ियों को भुगतनी पड़ी.