महिलाओं के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की जांच अब विशेष इकाई करेगी, पुलिस ने मानव तस्करी रोकने का बनाया यह प्लान

महिलाओं के खिलाफ होने वाले गंभीर अपराधों की त्वरित व वैज्ञानिक जांच के लिए सभी जिलों में विशेष अन्वेषण इकाई का गठन किया गया है।

Update: 2022-01-12 01:17 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महिलाओं के खिलाफ होने वाले गंभीर अपराधों की त्वरित व वैज्ञानिक जांच के लिए सभी जिलों में विशेष अन्वेषण इकाई का गठन किया गया है। पुलिस मुख्यालय के आदेश पर बनीं ये इकाइयां ऐसे मामलों में समय पर चार्जशीट कर जल्द ट्रायल शुरू करने का काम भी कर रही हैं। यौन हिंसा से जुड़े मामलों के वैज्ञानिक अनुसंधान और साक्ष्य जमा करने के लिए राज्य के 98 पुलिस अनुमंडल को विशेष किट भी उपलब्ध कराई गई है।

बाल मित्र थाना भी बनेंगे
महिला थाना बनाए जाने के बाद पुलिस अब बाल मित्र थाने के निर्माण पर काम कर रही है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार अभी पूर्णिया और नालंदा में बाल मित्र डेस्क कार्यरत है। अन्य जिलों में इसे जल्द शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा बाल मित्र थानों का निर्माण भी कराया जा रहा है, जहां बच्चों के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से वातावरण तथा सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
मानव तस्करों के चंगुल से 121 महिलाएं आजाद
पुलिस मुख्यालय ने मानव तस्करी रोकने के लिए जिला स्तर पर मानव व्यापार निरोध इकाई बनाने का भी निर्देश दिया है। पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार नवंबर तक मानव तस्करी मामले में पुलिस ने 93 प्राथमिकी दर्ज की थी। इनमें 121 महिलाओं को तस्करों से आजाद कराया गया है, जिनमें 58 बालिग, 53 नाबालिग हैं। इसी तरह 185 बाल मजदूरों को भी आजाद कराया गया है। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 277 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 206 पुरुष व 71 महिलाएं शामिल हैं।
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