Madhubani: रेलवे परिसर में बने भवन के पिलरों में दरार आने से हड़कंप मचा
"खाली करने का नोटिस दिया"
मधुबनी: पूर्व मध्य रेलवे के झंझारपुर स्थित रेल परिसर में महज चार वर्ष पूर्व निर्मित एक भवन के पिलरों में दरार आने से हड़कंप मच गया है. पिलरों के दरकने की जानकारी होते ही को नोटिस जारी कर इसमें रहने वाले एक दर्जन रेल अधिकारियों को आवास खाली करने का निर्देश दिया गया है.
यह नोटिस झंझारपुर के सीनियर सेक्सन इंजीनियर (कार्य) रूपेश रंजन ने निर्गत किया है. कहा है नोटिस मिलते ही अपने-अपने आवास को खाली कर दें. इसके बाद भी अगर रहते हैं तो किसी तरह की खतरा के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे. जिस भवन का पिलर क्षतिग्रस्त पाए गए हैं वह सी ब्लॉक का है. तीन मंजिल के इस भवन में 12 फ्लैट हैं. इसमें झंझारपुर के स्टेशन अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार झा, पीडब्लूआई स्पेशल त्रिभुवन सिंह, ओएस महेश सिंह, टीआई हरीश कुमार सिंह, आईओडब्ल्यू (सीनियर) रूपेश रंजन, पीडब्लूआई के के मिश्रा, झंझारपुर-लौकहा सेक्शन के पीडब्लूआई अरुण मंडल, स्टेशन मास्टर अमरजीत कुमार, बैद्यनाथ भारती, आपीएफ प्रभारी अरबिंद कुमार को आवास मिला हुआ है.
इधर झंझारपुर के आईओडब्ल्यू रमेश कुमार ने बताया कि जो जो पिलर क्षतिग्रस्त है उसे चिन्हित कर मार्किंग की जा रही है और उसकी जांच की जा रही है. सुरक्षा के मद्देनजर सी ब्लॉक में रहने वाले रेल अधिकारियों को अपना- अपना आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है. झंझारपुर के एसएस शैलेंद्र कुमार झा ने नोटिस मिलने की पुष्टि कर कहा कि वे आवास खाली कर रहे हैं. रेल परिसर झंझारपुर में अधिकारियों के लिए आमान परिवर्तन के दौरान चार वर्ष पूर्व तीन भवनों का निर्माण किया गया. जिसका उद्घाटन पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने 13 मार्च 2021 को किया था. यह तीनों भवन जी प्लस थ्री का है और ए, बी, सी ब्लॉक में बंटा हुआ है. करीब आठ करोड़ की लागत से आवासीय भवन का निर्माण कराया गया था.
हर ब्लॉक का भवन 54 पिलर पर खड़ा है. इसमें सी ब्लॉक के 13 पिलर दरक गया है. जांच में पिलर नंबर बी 3 से बी 6, सी 4 से 6, एच 2 एवं एच 4 से एच 7 तथा आई 7 क्षतिग्रस्त मिला है. जिसमें एच फाइव व एच छह नंबर का पिलर बुरी तरह से दरक कर क्षतिग्रस्त है. अन्य पिलरों में भी दरारें साफ साफ दिख रही हैं. हालांकि स्थानीय कोई रेल अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि आखिर करोड़ों खर्च करने के बाद भी पूरा बिल्डिंग जिन पिलरों पर खड़ा है चार वर्षों में ही कैसे दरक गया. वह भी एक दो नहीं 13 पिलर. बता दें कि आमान परिवर्तन कार्य रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग के जिम्मे है. अभी भी आमान परिवर्तन के तहत होने वाले निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है. दो दिन पहले ही तमुरिया स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज निर्माण में गड़बड़ी की आंशका को लेकर स्थानीय कुछ लोगों ने कार्य रोका भी था.