एसजेवीएन ने आईआईटी पटना के साथ साझेदारी की

आईआईटी पटना तैयार करेगा सुरंग निर्माण परियोजना का ढांचा

Update: 2024-04-15 08:28 GMT

पटना: सुरंग निर्माण परियोजना को बेहतर बनाने के लिए एसजेवीएन ने आईआईटी पटना के साथ साझेदारी की है. आईआईटी पटना ने विद्युत मंत्रालय भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एसजेवीएन यानी सतलुज जल विद्युत निगम मिनी रत्न श्रेणी-1 और अनुसूची ‘ए’ सीपीएसई के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया.

एसजेवीएन का लक्ष्य 2030 तक 25000 मेगावाट और 2040 तक 50000 मेगावाट की कंपनी बनने का है. आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह ने आईआईटी पटना की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर किये और एसजेवीएनएल निदेशक (वित्त) एके सिंह की ओर से हस्ताक्षर किये गये. एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर सीजीएम (सिविल) आरके गुप्ता, महाप्रबंधक (वित्त) जितेंद्र यादव, महाप्रबंधक (सिविल) हेमंत कुमार शाकल्य, एसजेवीएन के जीएम (भूविज्ञान) अक्षय आचार्य और आईआईटी पटना से प्रो एके वर्मा भी उपस्थित थे. एसजेवीएन और आईआईटी पटना इस रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से सतत विकास और तकनीकी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

समय और लागत को कम करने पर होगा काम: ‘टनलिंग परियोजनाओं में रॉक पहचान के लिए उन्नत भूवैज्ञानिक मॉडल’ नामक अनुसंधान और विकास परियोजना शुरू करने के लिए एक सलाहकार के रूप में आईआईटी पटना का लाभ लिया जायेगा. आईआईटी पटना एसजेवीएनएल साइट पर भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, बोरहोल डेटा, भूभौतिकीय माप और पिछली परियोजनाओं से निगरानी डेटा सहित विविध भू-तकनीकी डेटा स्रोतों को एकीकृत करने के लिए कार्यप्रणाली विकसित करेगा. एकीकृत भू-तकनीकी डेटा और थ्री-डी भूवैज्ञानिक मॉडल का उपयोग करके संभावित जोखिमों और खतरों की पहचान और उनका विश्लेषण आईआईटी करेगा. समर्थन प्रणाली मूल्यांकन और डिजाइन को बढ़ाने व अन्य काम का मूल्यांकन भी करेगा. साथ ही परियोजना के खतरे, समय और लागत को कम करने पर काम करेगा. इससे परियोजना अधिक व्यवहार्य और टिकाऊ बनेगी.

Tags:    

Similar News

-->