पंडित मदन मोहन मालवीय एवं Atal Bihari Vajpayee की जयंती पर संगोष्ठी आयोजित

Update: 2024-12-25 16:05 GMT
Lakhisarai। जिला संग्रहालय सभागार में आज भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की 163वीं एवं भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की 100वीं जयंती समारोह दिवस के अवसर पर कला संस्कृति एवं युवा विभाग के तत्वाधान में जिला प्रशासन द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ जिला पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र द्वारा दीप प्रज्वलन एवं मालवीय जी एवं वाजपेयी जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी मिथलेश मिश्र ने बताया कि पंडित मदन मोहन मालवीय जी का भारतीय कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मालवीय जी ने 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। यह संस्थान कला, साहित्य, संगीत और भारतीय संस्कृति के अध्ययन और प्रचार का प्रमुख केंद्र रहा है। मालवीय जी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के माध्यम से शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य को प्रोत्साहन दिया। मालवीय जी ने हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के विकास के लिए भी
कार्य किया।
इन्होंने कला एवं साहित्य के माध्यम से राष्ट्रीय भावना एवं स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा दिया। इनके प्रयासों से शिक्षा को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के साथ जोड़ा गया। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपनी कैरियर की शुरुआत पत्रकारिता से की। वाजपेई जी एक विख्यात कवि थे। इनकी कविताएं जैसे "गीत नया गाता हूं", और "मौत से ठन गई" में देश भक्ति, मानवता और दर्शन का संदेश मिलता है। इन्होंने साहित्य के माध्यम से भारतीय संस्कृति को मजबूत किया। इन्होंने संयुक्त राष्ट्र जैसे मंच पर हिंदी में भाषण देकर हिंदी का गौरव बढ़ाया। प्रधानमंत्री के रूप में इन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
कार्यक्रम में कविता पाठ एवं भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के साथ शहर के बुद्धिजीवी एवं मीडिया के बंधु भी कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी यदुवंश राम, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी विनोद प्रसाद, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी मृणाल रंजन सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
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