पटना (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से ही सभी दल जहां अपने वोट बैंक को दुरुस्त करने में जुटे हैं, वहीं, दूसरे दलों के वोट बैंक में सेंध लगाने की जुगत में हैं। इसी कड़ी में देखें तो राजद की नजर अपनी ही सहयोगी पार्टी जदयू के अति पिछड़ा वोट बैंक पर है। पिछले दिनों राजद ने अति पिछड़ा वर्ग का एक दिवसीय सम्मेलन किया। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित इस सम्मेलन में राजद के तमाम बड़े नेता शामिल हुए।
माना जा रहा है कि राजद खुद को जहां 'ए टू जेड' की पार्टी बताकर सवर्ण को आकर्षित करने में जुटी है। वहीं, उसकी नजर जदयू के वोट बैंक में सेंध लगाने की भी है। हालांकि, राजद इसे निराधार बता रही है।
राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव कहते हैं कि लालू प्रसाद ने हर वर्ग का ख्याल रखा था। अत्यंत पिछड़े वर्ग के लोग आज देश में हाशिए पर हैं। बिहार ने अत्यंत पिछड़ों को आगे बढ़ाने में लगातार कोशिश की। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी 'ए टू जेड' का ख्याल करती है।
इधर, जदयू ने भी राजद की रणनीति को कुंद करने को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जदयू भी अति पिछड़ों को छिटकने से रोकने की कवायद में है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस संबंध में बताया है कि अति पिछड़ा वर्ग को संगठित रहने, सतर्क रहने एवं दिग्भ्रमित नहीं होने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा इन वर्गों के लिए किये गये और किये जा रहे कार्यों की जानकारी देने के लिए प्रखंड स्तर पर कर्पूरी चर्चा की जायेगी। यह कार्यक्रम 6 अगस्त से 24 जनवरी 2024 तक चलेगा।
इसके लिए नौ प्रमंडलों में कार्यक्रम के संचालन के लिए पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं की पांच टीम बनायी गयी है। 'ग्राम संसद सद्भाव की बात' के तहत 15 अगस्त को पार्टी की प्रत्येक पंचायत इकाई अनुसूचित जाति के टोलों में झंडात्तोलन करेगी। साथ ही राज्य सरकार की उपलब्धि पर चर्चा होगी। इस कार्यक्रम का आयोजन 15 अगस्त से 31 अगस्त तक होगा।