खुलासा: रजिस्ट्रार के फर्जी पत्र पर केबाला को सही बताने की हुई थी कोशिश

निबंधन विभाग के दस्तखत व मोहर से एक भूखंड का फर्जी केबाला और जमाबंदी भी हो गई

Update: 2024-05-30 09:10 GMT

भागलपुर: दस्तावेजों के फर्जीवाड़ा के आरोपों से घिरा निबंधन विभाग एक नये मामले में घिरता दिख रहा है. नया मामला कहलगांव से जुड़ा है. जहां निबंधन विभाग के दस्तखत व मोहर से एक भूखंड का फर्जी केबाला और जमाबंदी भी हो गई. हद यह कि मुकदमा में जब निबंधन विभाग से गोपनीय सत्यापित रिपोर्ट मांगी गई तो एक फर्जी पत्र जारी हो गया. हालांकि काफी छानबीन के बाद फर्जी पत्र की हकीकत सामने आ गई है. यह शिकायत पटना मुख्यालय तक पहुंच गई है. जिससे हड़कंप मचा है.

एसीएस ने अपर समाहर्ता को तुरंत जांच का दिया निर्देश: दरअसल, निबंधन विभाग के फर्जी पत्र के आधार पर कहलगांव में 14 खेसरा की कुल 381.83 डिसमिल जमीन का केवाला हो गया है. यह खुलासा कहलगांव में डीसीएलआर के यहां नामांतरण रिविजन वाद 244/-23 की सुनवाई में हुआ है. अब मामला अपर समाहर्ता (राजस्व) के पास चला गया है. फर्जीवाड़ा के खुलासा के बाद भी पीड़ित सचिवालय कर्मी पटना के गुलजारबाग निवासी सुनील किशोर प्रसाद को राहत नहीं मिली तो उन्होने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को आवेदन दिया. साथ ही निबंधन विभाग के फर्जी पत्र को भी दिखाया. अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने आवेदन पर तुरंत जांच करते हुए कार्रवाई का निर्देश अपर समाहर्ता (राजस्व) को दिया है.

निबंधन विभाग के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा मामले की जांच करने आई स्टेट टीम पटना लौट गई है. सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) कोसी रीजन संजय कुमार और जैनुद्दीन अंसारी निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल से मिलेंगे और जांच में मिले तथ्य से अवगत कराएंगे.

टीम ने दो दिन तक संबंधित आरोपों से जुड़े सारे रिकार्ड खंगाले और कर्मियों से पूछताछ में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी हासिल की थी. बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद सचिव स्तर से ही दोषी के खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी.

बताया जाता है कि डीएम के निर्देश पर अब जांच टीम तमाम एफआईआर के नामित कर्मियों पर कार्रवाई की रिपोर्ट सौंप सकेंगे. दफ्तर में हो रही चर्चा के मुताबिक निलंबित कर्मियों का मुख्यालय बांका, मुंगेर, खगड़िया, कटिहार या पूर्णिया निर्धारित किया जा सकता है. रजिस्ट्रार डॉ. पंकज कुमार बसाक ने बताया कि जांच टीम पटना में रिपोर्ट सौंपेगी. जिस पर सचिव स्तर से निर्णय लिया जाना है.

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