बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तेज होंगे राहत एवं बचाव कार्य

Update: 2023-04-12 10:48 GMT

पटना न्यूज़: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कम समय में राहत एवं बचाव कार्य के लिए आपदा प्रबंधन विभाग जुट गया है. ऐसे इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के स्थायी केंद्र बनाए जा रहे हैं. अभी उत्तर बिहार में बाढ़ आने पर राहत एवं बचाव कार्य में देरी होती है. इससे जान-माल की क्षति ज्यादा होती है. इसलिए एनडीआरएफ की ओर से चार शहरों में रिजनल रिस्पांस सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं. इनमें पटना दीदारगंज के अलावा भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बेतिया शामिल हैं. भागलपुर में जमीन चिह्नित करने का काम कर लिया गया है. अभी पटना और सुपौल में रिजनल रिस्पांस सेंटर संचालित है. यहां एनडीआरएफ की एक कंपनी भी स्थायी रूप से प्रतिनियुक्त है.

इसके अलावा दस अन्य जिलों में एसडीआरएफ की स्थायी रूप से तैनाती की जा रही है. इसमें पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, मधेपुरा, बेगूसराय, सारण, पश्चिम चंपारण, गया, भोजपुर और किशनगंज शामिल हैं. इससे पहले छह जिलों सहरसा, पूर्णिया, भागलपुर, खगड़िया, मधुबनी एवं सीतामढ़ी में एसडीआरएफ की स्थायी रूप से तैनाती हो चुकी है.

संसाधनों से लैस होंगे

इन केंद्रों को संसाधनों से लैस किया जाएगा. आधुनिक संचार उपकरण लगाए जाएंगे. इससे राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आएगी. एसडीआरएफ के केंद्र पर 40-40 जवानों को तैनात करने की योजना है.

16 जिले थे प्रभावित

वर्ष 2022 में आई बाढ़ से सोलह जिले प्रभावित हुए थे. इसमें पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, सीतामढ़ी, भागलपुर, सहरसा, कटिहार, खगड़िया, भोजपुर, लखीसराय, बेगूसराय, पटना, बक्सर, वैशाली, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण शामिल हैं. इन सोलह जिलों के 69 प्रखंडों में 417 पंचायतों के लगभग चार लाख 48 हजार आबादी प्रभावित हुई थी.

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