प्रशांत किशोर 20 मई से जन सुराज अभियान यात्रा पर, वैशाली से होगी शुरूआत
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में एंट्री लेने से पहले बिहार की जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) बिहार की राजनीति में एंट्री लेने से पहले बिहार की जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इस कड़ी में वह 20 मई से बिहार के जिलों की यात्रा पर निकलेंगे. राजनीति में प्रशांत किशोर के आने की आहट से बिहार की सियासी पार्टियों में सुगबुगाहट साफ दिख रही है. बिहार के कुछ राजनीतिक दल उनका राजनीति में स्वागत कर रहे हैं तो कुछ राजनीतिक दल उनपर तंज कस रहे हैं. इधर प्रशांत किशोर जन सुराज अभियान की शुरूआत लोक तंत्र की जननी वैशाली से कर रहे हैं. पीके अगले 3 महीनों में बिहार के सभी जिलों और अनुमंडल मुख्यालय में घूम घूम कर लोगों को जन सुराज अभियान से जोड़ने का कमा करंगे.
बिहार में बदलाव के लिए जनसुराज अभियान
दरअसल 5 मई को प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि वह बिहार में जन सुराज लाने के लिए काम करेंगे. वह पिछड़े बिहार को नया बिहार बनाना चाहते हैं. इसलिए वे जन सुराज की शुरुआत कर रहे हैं. इसके लिए वह सबसे पहले करीब 17-18 हजार लोग जुड़े हुए हैं. अगले तीन से चार महीनों में वह इन लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे. इसके बाद वह 2 अक्टूबर को पश्चिम चंपारण से पद यात्रा की शुरुआत करेंगे. यह यात्रा 3000 किलोमीटर की होगी. इसमें बिहार के हर उस व्यक्ति से मिलने की कोशिश करेंगे जो बिहार में बदलाव चाहता है. और फिर उन लोगों की सहमति बनी तो राजनीतिक दल के गठन के बारे में भी विचार करेंगे.
लालू नीतीश दोनों पर साधा निशाना
इस दौरान प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों को आड़े हाथ लिया और बिहार के पिछड़ेपन के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया, पीके ने कहा-लालू प्रसाद का राज बिहार में 15 सालों तक रहा. नीतीश कुमार भी 17 साल से हैं. लालू राज के बारे में कहा जाता है सामाजिक न्याय का दौर था. और नीतीश राज सुशासन और विकास का राज है. फिर सवाल है कि इन दोनों के 30 साल के शासनकाल के बावजूद बिहार पिछड़ा क्यों है. इसके बाद पीके के आरोपों पर नीतीश कुमार ने पलटवार किया था. और कहा था कौन क्या बोलता है इसका महत्व नहीं है. महत्व सत्य का है. बिहार में बहुत काम हुआ है, यह सब लोग जानते हैं
लालू ने भी किया पीकेे पर पलटवार
तो वहीं RJD सुप्रीमों लालू प्रसाद ने AIIMS से डिस्चार्ज होने के बाद मीडिया से बातचीत में प्रशांत के पॉलिटिकल एंट्री पर कहा कि वह पूरा देश का भ्रमण करके आ गए हैं. कहीं कोई भाव नहीं मिला तो वह अपने प्रदेश लौटे हैं यहां भी उनको कोई तवज्जो नहीं मिलेगी.जबकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि कौन है प्रशांत किशोर? हम ना प्रशांत किशोर का न्यूज देखते हैं और ना ही सुनते हैं,
पीके पद यात्रा पर बीजेपी ने किया तंज
पीके पदयात्रा करने पर बीजेपी ने भी निशाना साधा बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के मधुबनी से लोकसभा के पूर्व सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने प्रशांत किशोर को राजनीतिक व्यवसायी बताया है. उन्होंने पीके की बिहार में तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा करने पर तंज करते हुए कहा है राजनीतिक कारोबारी फेमस होने के लिए नए कारोबार के साथ आया है.