Patna: भू-माफियाओं के खिलाफ सरकारी नोटिस बोर्ड उखाड़ने पर मामला दर्ज
बिहार राज्य आवास बोर्ड ने लगाया था बोर्ड की सुरक्षित रहें ख़ाली ज़मीन
पटना: दीघा- राजीवनगर में बिहार राज्य आवास बोर्ड का 1024 एकड़ ज़मीन है । इसमें आशियाना- दीघा रोड के दोनों तरह क़रीब 250 एकड़ ज़मीन ख़ाली परित है । ख़ाली ज़मीन को सुरक्षित रखने के लिए बिहार राज्य आवास बोर्ड, जिला प्रशासन एवं पुलिस ने पुनः कमर कस लिया है । इसके लिए ख़ाली परित ज़मीन पर सरकारी नोटिस बोर्ड लगाया गया है । जिसपर लिखा हुआ है “ यह सम्पत्ति बिहार राज्य आवास बोर्ड की है ।इसपर निर्माण कार्य करना कानूनन ग़लत है ।ख़रीद - बिक्री करने वाले किसान , कॉपरेटिव , भू- माफिया, निर्माण करने वाले ठेकेदार, मज़दूर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जायेगी । आदेशानुसार , कार्यपालक अभियंता, बिहार राज्य आवास बोर्ड ।
दीघा थाना क्षेत्र के आशियाना- दीघा मेन रोड स्थित डॉनबास्को स्कूल के सामने ख़ाली भूखण्ड पर पुलिस के मौजूदगी में बिहार राज्य आवास बोर्ड के पदाधिकारी ने दो जगहों पर नोटिस बोर्ड लगाया था । नोटिस बोर्ड लगे 24 घंटा भी नहीं हुआ था की भू- माफिया सरकारी नोटिस बोर्ड उखाड़ ले भागे । वहीं राजीवनगर थाना क्षेत्र के एसएसबी के पास लगे नोटिस बोर्ड को भी भू- माफिया उखाड़ ले भागे है ।
24 दिसंबर को “ तरूणमित्र “ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया, “ शीर्षक- सरकार के करोड़ों के ज़मीन क़ब्ज़ा करने के लिए भू- माफियाओं ने कबाड़ा व चोरी किया नोटिस बोर्ड “ खबर को बिहार राज्य आवास बोर्ड व पुलिस ने गंभीरता से लिया । बिहार राज्य आवास बोर्ड के कार्यालय अभियंता ने नोटिस बोर्ड उखाड़ने वाले के खिलाफ दीघा एवं राजीवनगर थाने में एफ़आइआर दर्ज किया है ।
अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पांडे ने अधिकांश केस का सुपरविजन में निर्देश दिया है अवैध निर्माण वाले स्थानों पर पुनः निर्माण को रोका जाएं । अगर निर्माण की कोशिश किया जाता है तो पुनः एफ़आइआर किया जाएं । आवास बोर्ड के पदाधिकारी को भी निर्देशित किया है की अतिक्रमण वाद चलाकर अतिक्रमण को मुक्त किया जाएं। ताकि सरकारी सम्पत्ति सुरक्षित रह सके । दीघा व राजीवनगर के थानाध्यक्ष सहित केस अनुसंधानकर्ताओं को कार्रवाई करने के लिए सख़्त निर्देश दिया गया है एवं ज़मीनी विवाद को गंभीरता से लेने को कहां गया है । श्री पांडे ने कई मामले में अतिक्रमण वाद चलाने का अनुशंसा किया है ।
बिहार राज्य आवास बोर्ड के वरीय अधिकारी की मानें तो 1024 एकड़ का डिजिटलाइजेसन कर लिया गया है । उसमें सभी ख़ाली ज़मीन चिन्हित है । कब और कैसे चोरी - छीपे अवैध निर्माण किया जा रहा है , सब स्पष्ट है । ऑन स्पॉट कार्रवाई के लिए बुलडोज़र का प्रस्ताव आया है , इसपर विचार किया जा रहा है । अवैध निर्माण करने वालो को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा । जो किसान और कॉपरेटिव ज़मीन का ख़रीद- बिक्री कर रहें है , भूमाफ़िया के साथ उनके ख़िलाफ़ भी एफ़आइआर दर्ज किया जायेगा ।