Darbhanga: सम्मेलन में नेत्र रोग विशेषज्ञों ने एक-दूसरे से अनुभवों का आदान-प्रदान किया
"कंप्यूटर व मोबाइल का अधिक इस्तेमाल खतरनाक"
दरभंगा: बिहार ऑपथॉलमॉलेजिकल सोसाइटी के तीन दिवसीय 62वें वार्षिक सम्मेलन में नेत्र रोग विशेषज्ञों ने एक-दूसरे से अनुभवों का आदान-प्रदान किया. दरभंगा मेडिकल कॉलेज के डॉ. एचएन यादव ऑडिटोरियम में आयोजित साइंटिफिक सेशन में आंखों से संबंधित विभिन्न बीमारियों और उनकी रोकथाम पर विस्तार से चर्चा हुई.
मौजूदा समय में युवाओं के लगातार मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से उन्हें होने वाली परेशानियों पर भी चिकित्सकों ने चिंता जताई. ‘कंप्यूटर विशन सिंड्रोम’ विषय पर चर्चा करते हुए चिकित्सकों ने कहा कि कंप्यूटर स्क्रीन के सामने घंटों बैठने से भी लोगों की आंखों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. नई दिल्ली एम्स के अलावा मुंबई से आए नेत्र रोग विशेषज्ञों ने कहा कि पूर्व में 40 वर्ष की उम्र के बाद ही लोगों को चश्मे की जरूरत पड़ती थी. अब बचपन से ही मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग करने से बच्चों की आंखों में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. कम उम्र में ही उन्हें चश्मे की जरूरत पड़ रही है. बच्चों में आईक्यू कम हो रही है. उनमें चिड़चिड़ापन भी बढ़ रहा है. ऑनलाइन शिक्षा के लिए मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल भी बच्चों की आंखों में परेशानी बढ़ रही है.
एम्स के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश सिंह ने कहा कि इन दिनों बच्चे मोबाइल पर गेम खेलने में काफी व्यस्त रहते हैं. इससे उनकी आंखों को नुकसान पहुंचता है. इंडोर गेम के अलावा उन्हें आउटडोर गेम पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास होता है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लासेज को नकारा नहीं जा सकता है. आंखों को दुरुस्त रखने के लिए लगातार कंप्यूटर और मोबाइल पर काम करने वालों को बीच-बीच में आंखों को आराम देना चाहिए. उन्हें 20-20-20 का प्रयोग करना जरूरी है. इसके तहत लगातार 20 मिनट तक स्क्रीन पर देखने के बाद लोग 20 सेकंड तक उससे नजरे हटाकर 20 मीटर और उससे अधिक की दूरी तक अपनी नजरें दौड़ाएं. ऐसा करने से उनकी आंखों पर जोर कम पड़ेगा.
मुंबई से आए पद्मश्री डॉ. टीपी लहाने ने मोबाइल फोन के अलावा कंप्यूटर स्क्रीन पर लगातार नजरे जमाए रखने से परहेज करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि कंप्यूटर की स्क्रीन आंखों से 15 से 20 डिग्री नीचे रखनी जरूरी है. कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हुए कमरे में प्रकाश की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. इसे नजरअंदाज करने से लोग आंखों की कई समस्याओं से ग्रसित हो सकते हैं. आंखों में सूखापन और लालीपन सामान्य लक्षण हैं. कंप्यूटर पर ज्यादा वक्त गुजारने वालों को आंखों की नियमित जांच भी करानी चाहिए. नजरअंदाज करने पर उम्र बढ़ने के साथ आंखों में परेशानी बढ़ सकती है.
इससे पूर्व नेत्र चिकित्सकों के पहुंचने पर आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. आसिफ शाहनवाज व सचिव डॉ. आशीष शेखर के अलावा डॉ. अमिताभ सिन्हा आदि ने उनका स्वागत किया. चिकित्सकों ने कहा कि नौ वर्ष के बाद दरभंगा में कॉन्फ्रेंस का आयोजन उनके लिए गर्व की बात है. डॉ. शाहनवाज ने बताया कि अगले दो दिनों में बिहार के अलावा अन्य राज्यों से दर्जनों नेत्र रोग विशेषज्ञ कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे.