मरीजों को घंटों कतार में लगकर जांच के लिए करना पड़ता है इंतजार
एक ही कमरे में 45 तरह की जांच मरीजों में मचती है अफरातफरी
मधुबनी: सदर अस्पताल में जांच भी केन्द्रीयकृत व्यवस्था नहीं है. बीपी सुगर जांच एक कमरे में होती है तो एचआईवी जांच अलग कमरे में. वहीं पैथोलॉजिकल जांच के लिए ओपीडी भवन के एक छोटे कमरे में होती है. वहां पर करीब 45 तरह की जांच मरीजों की होती है.
हालांकि ओपीडी में मरीजों को डॉक्टरी जांच के बाद लिखी जाने वाली अधिकतर रिर्पोट करीब आठ घंटे में तैयार हो जाती है. जब रिपोर्ट तैयार होती है उसके बाद ओपीडी ही बंद हो जाती है. हालांकि सुगर और बीपी की जांच मरीजों को हाथों-हाथ मिल जाता है. ऐसे में इन मरीजों को अगले दिन दुबारा से ओपीडी डॉक्टर से दवा लिखवाने की मजबूरी बन जाती है. करीब नौ बजे से ओपीडी में रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ. करीब 10 बजे तक करीब पचास से अधिक मरीजों की कतार पैथोलाजिकल जांच कक्ष के बाहर लग गई. समय के साथ-साथ यहां पर भीड़ बढ़ती ही जा रही थी. वहां पर तैनात एक कर्मी ने बताया कि करीब प्रतिदिन 170-175 तक मरीज वहां अपनी जांच देने के लिए पहुंचते हैं. पर करीब 11 बजे से लेकर एक बजे तक अत्यधिक भीड़ जुट जाती है. ऐसे में वहां पर अफरातफरी का माहौल कायम हो जाता है. कई बार यहां पर भीड़ को काबू करने के लिए सुरक्षा गार्ड को भी जिम्मा संभालना पड़ता है.
कुछ महीने पहले नहीं थी सीबीसी जांच की सुविधा
बीते कुछ महीने पूर्व तक पैथालाजिकल जांच में कई महत्वपूर्ण जांच नहीं हो पा रही थी. ऐसे में अब 24 घंटे संचालित इस पैथोलॅाजिकल जांच में सीबीसी, एलएफटी व केएफटी, हेपेटाइटिस, मलेरिया आदि की जांच शुरू हो गई है. पैथोलाजिकल जांच के नोडल पदाधिकारी डॉ. कुणाल कौशल ने बताया कि शाम छह बजे तक लिए गये नमूने की जांच हो जाती है. पर अधिकतर मरीजों को घर लौट जाने की वजह से रिपोर्ट अगले दिन मिलती है.
जांच की रिपोर्ट के लिए दो दिन अस्पताल आना मजबूरी
सदर अस्पताल में जांच की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए दो दिन अस्पताल आना ही पड़ता है. सुमित्रा देवी, मरनी देवी, अमेरिका देवी, सुनीता कुमारी आदि ने बताया कि वे जांच के लिए दो घंटे कतार में लगकर नमूने दिए. नमूना देने के बाद पूछने पर वहां के कर्मियों ने बताया कि शाम छह बजे के बाद रिपोर्ट तैयार हो जाएगी. ऐसे में उनलोगों को फिर से अगले दिन जांच रिपोर्ट के लिए आने की मजबूरी बन गई है. शाम के शिफ्ट में ओपीडी का समय चार बजे से छह बजे तक ही है. ऐसे में अधिकतर मरीज जांच देने के बाद घर लौट जाते हैं.