आरआरबी के फैसले से बिहार के एक लाख छात्रों को लाभ
रेल मंत्रालय के फैसले के बाद एनटीपीसी भर्ती परीक्षा के बिहार से एक करीब एक लाख अभ्यर्थियों को फायदा होगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रेल मंत्रालय के फैसले के बाद एनटीपीसी भर्ती परीक्षा से बिहार के एक करीब एक लाख अभ्यर्थियों को फायदा होगा। कुल रिजल्ट 7 लाख से अधिक होने की संभावना है। अब एनटीपीसी और ग्रुप डी अभ्यर्थियों को अधिसूचना का इंतजार है। इस संबंध में गठित कमेटी ने मार्च के पहले सप्ताह में रिपोर्ट दे दी है। कमेटी में शामिल अधिकारियों की मानें तो रिजल्ट में बढ़ोतरी के अलावा कई अन्य तरह से सुधार की संभावना हैं। ग्रुप डी की अधिसूचना में भी बदलाव हो सकता है। उत्तर प्रदेश के बाद बिहार के सबसे अधिक अभ्यर्थी रेलवे की तैयारी करते हैं।
रिजल्ट में संशोधन के बाद रिजल्ट की आधिकारिक घोषणा जल्द हो सकती है। इससे पहले शनिवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि समिति को तीन लाख शिकायतें और सुझाव मिले थे। समाधन को जल्द अधिसूचित किया जाएगा। दूसरे चरण की परीक्षा होली के बाद शुरू होने की संभावनाएं हैं। यह परीक्षा तीन से पांच चरणों में होने की संभावना है।
ग्रुप डी के दो चरणों पर भी थी आपत्ति
अभ्यर्थियों ने ग्रुप डी की कंप्यूटर आधारित परीक्षा को दो चरणों में लिए जाने पर आपत्ति जतायी थी। अभ्यर्थियों ने कहा था कि तीन साल बाद परीक्षा हो रही है। इतने लंबे समय बाद दो चरणों की सूचना देना गलत है। इससे भर्ती प्रक्रिया में और देरी होगी। इसके अलावा ग्रुप डी में सभी अभ्यर्थियों के लिए आंखों की मेडिकल जांच अनिवार्य किए जाने पर भी सवाल उठाए गए।
गड़बड़ी पर छात्रों ने किया था आंदोलन
नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) स्नातक स्तरीय परीक्षा में सीट के बीस गुणा रिजल्ट देने की बात कही गई थी और कम रिजल्ट दिया गया था। इसी के विरोध में बिहार के छात्रों ने रिजल्ट आने के दूसरे दिन ही रिजल्ट का विरोध शुरू कर दिया था। अभ्यर्थियों का कहना था कि सात लाख उम्मीदवारों की बजाय सात लाख रोल नंबरों का चयन क्यों किया गया है। सोशल मीडिया से शुरू हुआ आंदोलन सड़क तक पहुंच गया। अभ्यर्थियों ने रेलवे ट्रैक भी जाम किया था। इसी के बाद रेलवे ने अभ्यर्थियों की मांगों पर विचार करने के लिए कमेटी का गठन किया था।