मुज़फ़्फ़रपुर बस ने चार बार की गति सीमा पार की तो रद्द कर दी, वाणिज्यिक यात्रियों की निगरानी के लिए परिवहन मुख्यालय में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है
मुख्यालय में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है
बिहार चार बार लगातार गति सीमा पार करने पर बसों का परमिट रद्द होगा. जिलों में ओवर स्पीड चलाने वाले बसों व कैब का ई-चालान कटेगा और उनसे जुर्माना वसूला जायेगा. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल के निर्देश पर पिछले एक माह में जितनी बसों द्वारा गति सीमा का उल्लंघन किया गया है उसका जिला बार विवरण तैयार किया गया है. इन सभी बस मालिकों को चालान निर्गत किया जा रहा है और लगातार चार बार इसका उल्लंघन होने पर परमिट रद्द करने की भी कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ओवर स्पीडिंग है. इस कारण न केवल वह बस और गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है, बल्कि जो दोपहिया वाहन, तिपहिया वाहन या छोटी गाड़ियां हाईवे पर चलती है उन्हें भी खतरा रहता है. अब तक इसकी मॉनिटरिंग के लिए साइंटिफिक व्यवस्था नहीं रहने के कारण गाड़ियों को पकड़ना मुश्किल होता था. ड्राइवर कोई ना कोई बहाना बनाकर बचने का प्रयास करते थे.
बसों के लोकेशन की हो रही लाइव ट्रैकिंग निर्भया फ्रेमवर्क के तहत सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में व्हीकल लोकशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) एवं इमरजेंसी बटन लगाना ही नहीं, उसे सक्रिय रखना अनिवार्य है. इसकी मॉनिटरिंग के लिए परिवहन विभाग मुख्यालय में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है. इसके माध्यम से सार्वजनिक परिवहन के वाहनों के लोकेशन की लाइव ट्रैकिंग की जा रही है. इसका प्रचार प्रसार करने के लिए सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि बस मालिक के साथ बैठक कर इसकी जानकारी दें.
सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रत्येक कमर्शियल वाहनों की लगातार ट्रैकिंग की जा रही है. वाहन के ओवर स्पीडिंग पर सैटेलाइट बेस्ट टेक्नोलॉजी के माध्यम से साइंटिफिक एविडेंस क्रिएट हो जाता है. इसमें कितनी जगह कितनी बार बस, कैब के ड्राइवर ने ओवर स्पीडिंग की, इसका ब्योरा इंटरनेट के माध्यम से सीधे कंट्रोल रूम में आ जाता है. वहां परिवहन विभाग की टीम इसकी लगातार मॉनिटरिंग करती है.