मैसेज ट्रैप साइबर ठगों के लिए अब भी अधिक कारगर
लोगों को जागरूक करने से साइबर अपराध रुकेगा
पटना: अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में साइबर सुरक्षा विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत की गयी. सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग, वैज्ञानिक संस्था सी डेक ने कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
इसमें देशभर के साइबर एक्सपर्ट, साइंटिस्ट, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ, शोधकर्ता, फॉरेंसिक विशेषज्ञ इसमें भाग ले रहे हैं. इसमें साइबर क्राइम व हैकरों को रोकने के लिए नयी तकनीक पर चर्चा की गयी. साइबर सुरक्षा पर दो दिनों तक तकनीकि जानकारियों का आदान-प्रदान किया जाएगा. भारत सरकार के एडिशनल सेक्रेटरी भुवनेश कुमार, साइंटिस्ट तुलिका पांडेय व सी डेक के डायरेक्टर आदित्य कुमार सिन्हा ने दीप जलाकर इसका उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि अपराध खत्म तो नहीं हो सकता. लोगों को जागरूक करने से साइबर क्राइम पर कंट्रोल हो पाएगा.
दो दिनों तक सूचनाओं को होगा आदान-प्रदान एडिशनल सेक्रेटरी ने कहा कि दो दिनों के कार्यशाला में साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए विकसित की गयी तकनीक पर चर्चा होगी. भारत सरकार, पुलिस, आईटी कंपनी, साइंटिस्ट, शैक्षणिक संस्था और देश-विदेश के आईटी इंडस्ट्री से पहुंचे लोग अपनी बातों को रखेंगे. समीक्षा की जाएगी कि वर्ष 1989 से किस प्रकार का साइबर अटैक किया गया है.
किताब का हुआ विमोचन पिछले 34 सालों में अपराधियों ने किस तरह से साइबर ठगी को अंजाम दिया है. उनकी कार्यप्रणाली पर एक किताब लिखी गयी है. इसका विमोचन भी किया गया. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एडीजी मुख्यालय जितेन्द्र सिंह गंगवार ने कहा कि साइबर क्राइम एक चुनौती है. इसे रोकने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा. 24 घंटे हम एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं. डिजीटल कनेक्शन के माध्यम से इन अपराधों को नियंत्रित किया जा सकता है. मौके पर प्रो. अभय र सिंह, डीआईजी अरविंद कुमार गुप्ता, डॉ. शाश्वत रायजादा, रामी तमाम, काजल जायसवाल, प्रणव प्रकाश, डॉ. सोमनाथ त्रिपाठी, आनंद राजे, कृष्णा पांडेय, डॉ. सीएचएएस मूर्ति आदि थे.