दहेज के लिए विवाहिता की हत्या : बताया जा रहा है कि आशी अपने कमरे में कपड़े रख रही थी, उसी दौरान उसका आंचल पंखे में फंसकर गले तक लिपट गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई. जबकि मृतका के साथ उसके पति, सास एवं ननद साथ में ही मौजूद थी. जिसमें से एक ने बताया कि मृतका का पति दिल्ली रहता है, जबकि पति उस समय सदर अस्पताल में ही मौजूद था. ससुरालजनों ने सदर अस्पताल से मृतका के शव को लेकर बिना पोस्टमार्टम कराए ही फरार हो गए. इस घटना की सूचना जब मृतिका के मायकेवालों को लगी तो उन्होंने रिसियप थाना की मदद से कर्मा मिसिर गांव में पहुंचे. जिसके बाद पुलिस घाट से जलते हुए अधजले शव को बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद (Sadar Hospital Aurangabad) भेज दिया.
पुलिस ने अधजली लाश की बरामद : मृतका के मायके वालों ने बताया कि पुलिस के साथ जब उसके कमरे में गए तो वहां फांसी लगाने से संबंधित किसी भी प्रकार की कोई चीजें बरामद नहीं हुई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सात महीना पहले आशी ने बच्चे को जन्म दिया था. लेकिन डेढ़-दो घंटे बाद बच्चे की मृत्यु हो गई थी. जिसके लिए भी उसे बार-बार प्रताड़ित किया जाता था. भभुआ के मोहनिया थाना क्षेत्र के रुखपुर गांव है मृतका का मायका है. मृतका के पिता संजय सिंह ने कहा कि- 'अपनी बेटी की शादी 2021 के दिसंबर माह में पूरे रीति रिवाज के साथ किया था और उनकी हर डिमांड को पूरी की गई थी. इसके बावजूद दामाद, मेरी बेटी से एयरकंडीशनर और सोफा के लिए बार-बार प्रताड़ित कर झगड़ा किया करता था. जिसके कारण मैंने आश्वासन भी दिया था कि अभी शादी के कर्ज में डूबा हूं. थोड़े दिन बाद यह मांगे भी पूरी कर दूंगा.'
दहेज के लिए करते थे प्रताड़ित : मृतक के पिता ने बताया कि आशी की मां की तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद दोनों पति-पत्नी अपनी मां से मिलने दिल्ली पहुंचे. कुछ दिन के लिए आशी अपने मां के पास ही रूकी थी और कुंदन अपने घर चला गया. गावं पहुंचने के बाद कुंदन के परिवार वालों ने मुझे बार-बार फोन कर घर मेरी बेटी को पहुंचाने की बात कर झगड़ा कर रहे थे और कुंदन दहेज में दिया हुआ आधा सामान जला दिया. जिसके कारण संजय सिंह ने 15 दिन पूर्व आशी को दिल्ली से उसके घर पहुंचा दिया. उन्होंने बताया कि गुरुवार की रात बेटी ने अपनी मां से बातें भी की लेकिन उस रात उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई. घटना के बाद ससुरालवाले घर छोड़ कर फरार हैं.