Lakhisarai: हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में कवि गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित
Lakhisarai लखीसराय। रविवार को स्थानीय प्रभात चौक स्थित भारती निकेतन के सभागार में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन लखीसराय की ओर से एक कवि गोष्ठी का आयोजन राम बालक सिंह कार्यकारी अध्यक्ष की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। संचालन देवेंद्र आजाद सचिव ने किया और सभी आगत कवियों का स्वागत जिला संगठन मंत्री अरविंद कुमार भारती ने किया ।इसमें निम्नलिखित कवियों ने अपनी रचनाओं से देश और समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं समस्याओं को रखा ताकि जनता जनार्दन में जागृति आ सके और हम एक अच्छे समाज और देश का निर्माण कर सकें ।
देवेंद्र सिंह आजाद की रचना - पहले चुनाव जनतंत्र की आत्मा थी, अब यह श्रृंगार है ।भोला पंडित की रचना- पगहा में बांधल हुंकरै लेरू ,माय लगहर गाय गे।मन हमरो हुंकरै वैसे ,तोहरा देखै ले माय गे।जीवन पासवान जी की रचना- पक्ष विपक्ष नेता सब का एक जैसा है ढंग, मौका प्रस्त नेता बदले गिरगिट जैसा रंग। बलजीत कुमार की रचना- लोग भी कितने मतलबी होते हैं। सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह की रचना नेक इरादे सब है न्यारे, बच्चों के मोबाइल बन गए सरदर्द हमारे। अरविंद कुमार भारती की रचना - देश के सपूत वीर देश के जवान, आ रहे हैं दूर्दिन हो जाओ सावधान। राजकुमार जी की रचना क्रिकेट खेलने एक तपस्या से कम नहीं है, दिख जाता है की किस में कितना दम है। सचिव देवेंद्र आजाद के द्वारा बताया गया कि हर सदस्य नए-नए कवियों को जोड़ें ताकि हिंदी साहित्य सम्मेलन की गरिमा का विकास तीव्रता से हो सके ।नवल कंठ के प्रधान संपादक अरविंद कुमार भारती ने बताया कि सभी कवि अपनी-अपनी रचनाएं शीघ्र जमा कर दें ताकि नवल कंठ पत्रिका का शीघ्र प्रकाशन किया जा सके ।धन्यवाद ज्ञापन सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह उपाध्यक्ष के द्वारा किया गया।